रीवा। स्लिप डिस्क की परेशानी से जूझ रही 40 वर्षीय महिला का सफल आपरेशन किया गया। संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने ट्रांसफॉर्मेमिनल एंडोस्कोपी से आपरेशन कर स्लिप डिस्क के टुकड़ों को बाहर निकाला। आपरेशन के बाद महिला को कमर की पीड़ा से राहत मिल गई है। महिला स्वस्थ्य है।
महिला मरीज निर्मला विश्वकर्मा उम्र 40 वर्ष ग्राम बधाला तहसील सेमरिया कमर दर्द की वजह से अत्यधिक तकलीफ में थी। डॉ. पी के लखटकिया के पास चिकित्सकीय परामर्श व उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल पहुंची थी। डॉ लखटकिया ने तुरन्त उनका चेकअप किया। उनकी स्थिति को देखकर एक्स-रे और एमआरआई की जांच करवाई। इनकी जांच रिपोर्ट के अनुसार मरीज की कमर की डिस्क खिसक गई थी। जिस वजह से कमर से लेकर जोड़ो तक में साइटिका का बहुत जोरों से दर्द हो रहा था। दर्द इतना असहनीय था कि उन्हें विश्राम की मुद्रा में लेटने के लिए भी दर्द निवारक इंजेक्शन लगाने पड़ें । मरीज को त्वरित उपचार के बाद संजय गांधी चिकित्सालय में भर्ती किया गया। जहां डॉ अमित चौरसिया और डॉ वी बी सिंह ने तुरन्त ही उनका उपचार शुरू किया। प्रारम्भिक दवाईयों से आराम न होने के कारण मरीज के ऑपरेशन की योजना बनाई गई।
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आपरेशन कर निकाले गए टुकड़े
डॉ जीतेश और डॉ शुभम ने मरीज के ऑपरेशन की योजना बनाई। डॉ अभय राज और डॉ निधि ने मरीज के कमर के नीचे एपिड्यूरल एनाल्जेसिया का उपयोग किया। मरीज का ऑपरेशन अत्याधुनिक दूरबीन पद्धति से किया गया, जिसे ट्रांसफॉर्मेमिनल एंडोस्कोपी कहते हैं। इसमें मरीज को बेहोश नहीं किया जाता। बल्कि मरीज पूरे टाइम होश में रहता है और अपने पैरों की उंगलियां चलाता रहता है। इस पद्धति में कमर के किनारे के हिस्से के एक्स रे को देखते हुए डॉक्टर्स द्वारा दूरबीन डाली जाती है और जो स्लिप डिस्क होती है उसके टुकड़े को बाहर निकाल लिया जाता है। टुकड़ों के बाहर निकलते ही मरीज को दर्द में आराम हो जाता है और मरीज को ऑपरेशन के तुरंत बाद ही चलाया जा सकता है। चूंकि इसमें कोई चीर फाड़ नहीं की जाती तो कमर की हड्डी में कोई भी कमजोरी नहीं आती है और मरीज को ऑपरेशन वाले दिन या अगले दिन ही डिस्चार्ज कर सकते हैं। आपरेशन के बाद अब मरीज भी स्वस्थ्य है।