रीवा। डेयरी संचालकों ने रसोई का बजट ही बिगाड़ दिया है। 1 जनवरी से दूध में महंगाई का तड़का लगा दिया है। खुला दूध 10 रुपए प्रति लीटर तक महंगा कर दिया है। अब रीवा में दूध 50 रुपए लीटर बिक रहा है। आम लोगों की पहुंच से दूध भी दूर हो गया है। ज्ञात हो कि अभी तक दुग्ध कंपनियों ने ही लोगों को रुलाया था। दूध के दाम में इजाफा किया था लेकिन अब स्थानीय स्तर पर भी डेयरी संचालकों ने एक जुट होकर दाम बढ़ा दिए हैं। 1 जनवरी 2023 से दूध और उनके उत्पाद के नई कीमत भी लागू कर दी है। अब ऐसे में नए साल में बढ़े हुए दूध के दाम रसोई का बजट बिछगाडऩे के लिए काफी है। दूध हर घर की जरूरत है। इसी का फायदा डेयरी संचालकों ने भी उठाया है।
यह उत्पाद भी महंगे कर दिए गए
गाय का दूध डेयरी संचालकों ने 50 रुपए लीटर कर दिया है। इसी तरह पनीर में करीब 20 रुपए यानि 300 रुपए किलो तक रेट कर दिए हैं। दही मिठी और खट्टी की कीमतों में भी इजाफा किया गया है। दूध से बनने वाले उत्पाद में घी भी है। घी की कीमत भी 900 रुपए लीटर तक कर दी गई है। भैंस का दूध पहले से ही 60 और 65 रुपए लीटर बिक रहा था। इसमें भी करीब 10 रुपए तक का इजाफा कर दिए हैं। अब नई कीमतों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
गांव से कम कीमतों में लेते हैं
हद तो यह है कि डेयरी संचालक खुद के दुकानें तो चलाते हैं लेकिन गाय, भैंस नहीं पालते। गांव गांव जाकर कलेक्शन करते हैं और रीवा में लोगों को बेंचे हैं। गाय का दूध जो अब 50 रुपए में मिलेगा। उसे गांव में पशु पालकों से सिर्फ 25 से 28 रुपए लीटर में लेकर आते हैं। इसी तरह भैंस का दूध भी 40 से 45 रुपए लीटर खरीदते हैं। जिस दर पर दूध खरीदते हैं। उससे दोगुनी कीमत में लोगों को बेंच रहे हैं।
कोई कंट्रोल ही नहीं
दूध की कीमतें मनमानी तरीके से बढ़ाई जा रही हैं। इस पर प्रशासन और शासन का किसी तरह का कंट्रोल ही नहीं है। गुणवत्ता पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। डेयरी संचालक दूध से सारा फैट निकाल लेते हैं। इसके बाद भी ग्राहकों को 50 रुपए लीटर बेंच रहे हैं। दूध के दाम कभी भी बढ़ा दिए जाते हैं। वहीं जिन गौपालकों से दूध की खरीदी करते हैं। उन्हें वाजिब दाम तक नहीं देते।