रीवा। कृषि विभाग की महिला अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक बाद करने वाले कृषि विभाग के दो अधिकारियों के खिलाफ अपर संचालक कृषि भोपाल द्वारा जांच बैठा दी गई है। 26 सितंबर को भोपाल कृषि संचालनालय से जारी आदेश क्रमांक अ-स-5-सी/ शिकायत/248/2023/796 में जेडी कृषि को मामले की जांच सौंपी गई है। जांच में संयुक्त संचालक कृषि को निर्देशित किया गया है कि संयुक्त संचालक कृषि रीवा संभाग रीवा में पदस्थ महिला उपसंचालक के खिलाफ उपसंचालक कृषि रीवा यूपी बागरी व वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी दिवाकर सिंह द्वारा बातचीत में अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है।
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आदेश में यह भी उल्लेखित है कि वायरल आडियों में महिला अधिकारी को गाली के साथ ही गंदे शब्दों का प्रयोग किया गया है। तथ्यों की जांच कर 7 दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। नि: संदेह जिस देश नारी को देवी माना जाता है उस देश में एक समकक्ष महिला अधिकारी के प्रति जिस तरह से एक वरिष्ठ अधिकारि की मानसिकता आडियो के माध्यम से उजागर हुई है वह निंदनीय है। महिला अधिकारी के स्वभाव से असंतुष्टता होना स्वाभाविक है लेकिन उसके प्रति ऐसे गंदे विचार रखना किसी भी परिस्थिति में उचित प्रतीत नहीं होता। आदेश में महिला अधिकारी द्वारा शिकायत किए जाने का भी उल्लेख है।
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nजनप्रतिनिधियों व वरिष्ठ नेताओं तक को नहीं बख्शा
nजिले के दो कृषि अधिकायिों के आपसी बातचीत का वायरल ऑडियो में विधानसभा अध्यक्ष से लेकर शासन प्रशासन, महिला के साथ सभी का मजाक उड़ाया गया है। बताया जा रहा है कि एसएडीओ दिवाकर सिंह जो भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी उमा शंकर पटेल व पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष विभा पटेल के रिस्तेदार हैं। इनके द्वारा आडियो में कहा जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष जब उन्हें देखते हैं तो सिकुड़ जाते हैं(आडियो में जिस तरह से शब्दों का प्रयोग है हम उल्लेखित नहीं कर सकते)। इससे जाहिर है कि उक्त अधिकारी को खौफ नहीं कि कोई उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
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जब संबंधित जन की नजर में विधानसभा अध्यक्ष का कोई मायना नहीं तो महिला अधिकारी के संबंध में उसकी सोच क्या हो सकती है इस संबंध में कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। वायरल आडियो जागरण के पास सुरक्षित है लेकिन हम प्रमाणित नहीं करते कि आडियो में आवाज रीवा डीडीए यूपी बागरी व एसएडीए दिवाकर सिंह पटेल के हैं। लेकिन भोपाल द्वारा जारी जांच आदेश के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि संबंधित जन कृषि विभाग के उक्त अधिकारी हैं। वायरल आडियो जागरण के पास भी सुरक्षित है।
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