संजय टाईगर रिजर्व सीधी में बाघों का कुनबा बढऩें के साथ ही उनका विचरण भी आसपास के क्षेत्रों में होने की खबरें लगातार बनी रहती हैं। सीधी-कुसमी मार्ग में कुसमी के समीप चगोहर मोड़ में शनिवार की शाम दो बाघों को मुख्य सड़क के समीप ही विचरण करते हुए दिखने की खबर फैलते ही चहुंओर दहशत फैल गई। उस दौरान दो पहिया वाहन से गुजर रहे कुछ व्यक्तियों ने सड़क के समीप बाघ के दिखनें पर आगे जाकर लोगों को जानकारी दी। इसके बाद चार पहिया वाहन से पहुंचे लोगों ने बाघ को मोबाईल के कैमरे में कैद कर लिया। यह फोटो सोशल मीडिया में वायरल होते ही मोहन रेंज बफर जोन टमसार के रेंजर ने तत्परता दिखाते हुए अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही दो पहिया वाहनों से गुजरने वाले लोगों को भी सचेत किया गया। वन विभाग की टीम पूरी रात बाघों को खदेडऩे के लिए जुटी रही। इस कार्य में संजय टाईगर रिजर्व का अमला भी एक्शन मोड में आ गया और बाघों को संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में काफी मशक्कत के बाद खदेड़ दिया गया। वन टीम की तत्परता के चलते कोई हादसा घटित नहीं हो सका। उधर दो बाघों के मुख्य मार्ग के किनारे देखे जाने के बाद से ही समूचे इलाके में भारी दहशत छाई हुई है। चर्चा के दौरान कुछ क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया कि अधिकांश लोगों की आवाजाही दो पहिया वाहनों से ही होती है। ग्रामीण क्ष्ेात्रों के लोग दो पहिया वाहन से रात में भी सफर करते हैं। बाघों के अचानक मुख्य सड़क के किनारे देखे जाने के बाद से अब लोगों को दिन में भी दो पहिया वाहन से यहां से गुजरने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। इसी वजह से एक साथ कई मोटर साइकल में सवार होकर ही लोग निकल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना था कि सूचना मिलते ही टमसार रेंजर द्वारा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया गया था। साथ ही संजय टाईगर रिजर्व के अमले को भी दो बाघों के सड़क के किनारे देखे जाने की सूचना दे दी गई थी। इसी वजह से वन टीमों द्वारा बाघों को फिर से संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में खदेडऩे के लिए रात में ही ऑपरेशन शुरू हो गया था। बताया जा रहा है कि दोनो बाघ फिर से संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। फिर भी इस घटना से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र में रहने वाले बाघों के गलों में रेडियो कॉलर लगाया गया है। संजय टाईगर रिजर्व के कंट्रोल रूम से बाघों की निगरानी भी कैमरों के माध्यम से की जाती है। बावजूद इसके यह दो बाघ संजय टाईगर रिजर्व क्षेत्र से बाहर निकल कर मुख्य सड़क के किनारे पहुंच गए। इसे संजय टाईगर रिजर्व के कंट्रोल रूम में तैनात निगरानी करने वाली टीम की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। जिस पर विभाग के बड़े अधिकारियों को भी गंभीरता से एक्शन लेना चाहिए। जिससे इस तरह की घटनाएं आगे न हो सकें। उधर संजय टाईगर रिजर्व के मोहन रेंज बफर जोन टमसार के अधिकारियों का कहना है कि बाघ का कोर जोन होने से वह उक्त रूट से ही भ्रमण करते हैं। बाघ जंगल के अंदर से ही निकलते हैं। शनिवार की शाम यह संयोग था कि बाघ विचरण करते हुए जंगल क्षेत्र से बाहर सड़क के समीप पहुंच गए थे। इस वजह से लोगों द्वारा देखे जाने के बाद से दहशत निर्मित हो गई। जानकारी मिलते ही वह अपने अमले के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और सड़क के किनारे पहुंचने वाले बाघों को उनके मेन रूट की ओर खदेड़ दिया गया। इस तरह की घटना के सामने आने के बाद सतर्कता भी जरूरी है।
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nसंजय टाईगर रिजर्व में विचरण करने वाले बाघों का कोर जोन कुसमी मुख्य मार्ग के समीप से ही है। इस वजह से बाघ मुख्य सड़क की ओर नहीं आते। फिर भी कभी-कभार इस तरह की स्थिति निर्मित हो जाती है और वह सड़क के समीप भी जंगल में आ जाते हैं। ऐसे में सीधी-कुसमी मार्ग से आने-जाने वाले दो पहिया वाहनों को काफी सचेत होकर यहां से निकलना चाहिए। आगे भी इस तरह की घटनाएं सामने आ सकती हैं। लोगों को यह प्रयास करना चाहिए कि कई दो पहिया वाहन सवार एक साथ यहां से निकलें। जिससे यदि कभी सड़क के समीपी जंगल में भी यदि बाध की मौजूदगी हो तो वह सुरक्षित रूप से आगे की अपनी यात्रा पूरी कर सकें। रात में तो यहां के मुख्य मार्ग से अकेले बाईक सवारों को निकलने से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। रात में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। बाघ ङ्क्षहसक वन्य जीव है। इस वजह से रात में उसकी आक्रमकता भी काफी बढ़ जाती है। हालांकि बाघ भी जंगल से विचरण करनें के दौरान मुख्य मार्ग की ओर आने से गुरेज करते हैं। कभी-कभार ही इस तरह की घटनाएं सामने आ सकती है।
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हम लोग जानकारी मिलते ही पहुंच गए थे लेकिन वो तब तक कोर जोन में चला गया था वो उसका रूट ही है किस्मत से दिख गया। लेकिन हमेशा निकलता ही रहता है कोर से साजाडोल, महान, बंजारी सरई तक जाता ही रहता है। यहां पर वह अकेला टाइगर है। छत्तीसगढ़ तरफ भी कोई टाइगर नही है इसलिए वह हर जगह घूमता रहता है।
nअसीम भूरिया, वनपरिक्षेत्राधिकारी
nमोहन रेन्ज बफर जोन टमसार
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nशनिवार को 6:30 बजे शाम को कुसमी से विधायक कप का फाइनल मैच देखने के बाद अपने गांव ठाड़ीपाथर लौट रहा था जैसे ही महान जंगल के शुरुआत चगोहर मोड़ के पास पहुंचा सड़क के किनारे अच्छा खासा मस्त बाघ खड़ा था तुरन्त बाइक मोड़ा और गुहार लगाते हुए दुआरी की ओर लौट गया फिर जब 25 से 30 बाइक और 2 फोर व्हीलर इक_ा हुए तब किसी तरह हम लोग गांव पहुंचे लेकिन डर का माहौल बना हुआ है।
nराजेन्द्र सिंह,समाजसेवी
nचश्मदीक ठाड़ीपाथर
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nबीआरसी कार्यालय में शान्ती निवारण समिति के प्रशिक्षण लेने के बाद फाइनल मैच देखने लगे। मैच खत्म होने के बाद जैसे ही दुआरी के आगे चंगोहर महान के जंगल अंधा मोड़ के पास पहुंचा और बाइक की रोशनी में देखा तो रोड के पचासे में बाघ खड़ा था तुरन्त बाइक वापस किया और दुआरी में रुके आने जाने वालों को रोका और जब 2 फोर व्हीलर और 25 से 30 बाइक इक_ा हुए तब गांव पहुंचा।
nलक्ष्मी बंशल, रोजगार सहायक
nचश्मदीक
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