सीधी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना की राशि जिन महिलाओं को बैंक खाते में नहीं पहुंची है वह कई दिनों से बैंक का चक्कर काटने को मजबूर हैं। बैंक खाते में आधार कार्ड लिंक न होने, केवाइसी न होने, डीबीटी न होने की वजह से शिवराज की लाड़ली बहनों की भारी फजीहतें हो रही हैं। खाते में राशि आने का मैसेज जिन बहनों को मोबाईल में नहीं आया वह अगले दिन से ही बैंक का चक्कर रोजाना काट रही हैं। फिर भी उनकी समस्या का कोई निराकरण नहीं हो रहा है। दरअसल बैंक खातों में कई महिलाओं के सही मोबाईल नंबर दर्ज न होने के कारण राशि खाते में आने का मैसेज भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसी महिलाएं अपने बैंक से यह जानने का प्रयास कर रही हैं कि राशि उनके खाते में पहुंची या फिर नहीं। इसके अलावा कुछ महिलाओं के बैंक खाते में आधार कार्ड लिंक न होने, केवाइसी न होने एवं डीबीटी न होने के कारण भी उनके खाते में राशि नहीं आ सकी है। बताया गया है कि कुछ महिलाओं के बैंक खातों में पूर्व से राशि जमा न होने व माइनस खाता होने के कारण ही राशि आगमन की जानकारी नहीं मिल पा रही है। लाड़ली बहना योजना के स्वीकृति पत्र लेकर महिलाएं दर-दर भटक रही हैं। बैकों के द्वारा महिलाओं के खाते में राशि आने की जानकारी न दिए जाने के कारण बहनों में काफी रोष देखा जा रहा है।
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विडंबना यह है कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत पंजीकरण, ईकेवाइसी, आधार लिंक एवं डीबीटी चालू करानें के लिए जिला प्रशासन को बार-बार पत्र भेजकर निर्देशित किया गया था। आला अधिकारियों द्वारा खंड स्तरीय अधिकारियों के पास पत्र को प्रेषित तो कर दिया गया लेकिन यह जानने की जरूरत नहीं समझी गई कि विभागीय स्तर से बैंकों का चक्कर काट रही महिलाओं की मदद हो रही है कि नहीं। वहीं महिलाएं समूचा काम-काज छोंडकर तीन महीने से बैंकों का चक्कर काट रही हैं। काफी महिलाओं के बैंक खाते में राशि आने का मैसेज न आने के कारण वह काफी परेशान हैं। इस भीषण गर्मी में चिलचिलाती धूप में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महिलाएं बैंकों में घंटों लाईन लगाने के लिए मजबूर हैं। हैरत की बात तो यह है कि बैंकों में महिलाओं की उमड़ती भीड़ के बावजूद बैंक कर्मचारियों का सहयोगात्मक रवैया नहीं है। उनके द्वारा महिलाओं को भटकाने वाली जानकारी दी जा रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार की सीधी जिले में भारी किरकिरी हो रही है और भटकती महिलाओं में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
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nमुख्यमंत्री लाड़ली बहना की राशि जिन महिलाओं के बैंक खाते में नहीं पहुंची है वह अपने सभी रिकार्ड लेकर बैंकों का लगातार चक्कर काट रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि बैंक से उनके खाते में आधार लिंक, केवाइसी, डीबीटी संबंधित सभी समस्याएं दूर कर दी जाएंगी। वास्तविकता यह है कि सीधी शहर में संचालित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, मध्यांचल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सेंट्रल बैंक का जायजा लिया गया तो यहां सैकड़ों महिलाओं की भीड़ उमड़ती नजर आई। चर्चा के दौरान कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा बैंक आकर आधार कार्ड, बैंक खाता, मोबाईल नंबर, पैन कार्ड की फोटोकांपी देकर अंगूठा भी लगाया गया। बावजूद इसके बैंक खाते में राशि नहीं पहुंची। अब बैंक का चक्कर काटने पर बैंक कर्मचारियों द्वारा त्रुटियों का सुधार करनें की बजाय भ्रामक जानकारी देकर भटकाया जा रहा है। दर्जनों बार बैंकों का चक्कर काटने के बाद भी समस्या का कोई निराकरण नहीं हो रहा है। प्रशासन के कोई भी अधिकारी बैंकों में चक्कर काट रही महिलाओं की मदद नहीं कर रहे हैं। बल्कि पूरी तरह से तमाशबीन बने हुए हैं।
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nजिले में लाडली बहना की स्थिति
nपात्र महिलाएं
n207003
nसफल भुगतान
n197758
nस्वीकृत आदेश
n199515
nभुगतान हेतु पात्र
n201490
nअसफल भुगतान
n1757
nअपात्र महिलाएं
n5513