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n रीवा। बदवार में बनी सोलर बिजली से इस मर्तबा रीवा के शहर और गांव रोशन हुए। सोलर की बिजली से ही सब कुछ रोशन रहा। पहली मर्तबा विंध्य को यहीं की बनी बिजली मिली। अब तक ताप विद्युत गृहों की बिजली पर रीवा डिपेंड था लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। ज्ञात हो कि गुढ़ के बदवार में 750 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट लगाया गया है। यहां बनने वाली सोलर बिजली पर मप्र का भी 30 फीसदी हिस्सा था। बिजली का उत्पादन कुछ साल पहले से ही शुरू हो गया था लेकिन मप्र का उसका हिस्सा नहीं मिल रहा था। पॉवर ट्रासमिशन कंपनी लंबे समय से अपने हिस्से की बिजली पाने के लिए प्रयास में जुटी थी। अब जाकर यह सफलता मिली है। सेंट्रल ग्रिड में सारी बिजली न जाकर मप्र के हिस्से की 220 मेगावाट बिजली अब विंध्य को मिलनी शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत हो गई है। डबल सर्किट फीडर 220 केव्ही रम्स गुढ़, सिलपरा की शुरुआत होने से सोलर बिजली मप्र को मिल रही है। विंध्य के रीवा और सतना जिला इस बिजली से सीधे तौर पर जुड़ गए हैं। दीपावली के त्योहार में सोलर से शहर रोशन रहा। बाजार, शहर से लेकर गांव तक सोलर की ही रोशन फैली रही। n
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n 30 फीसदी मिल रही बिजलीn
सोलर पॉवर प्लांट से 30 फीसदी बिजली मिल रही है। यानि कुल 220 मेगावाट हिस्से में आ रहा है। इससे करीब 50 लाख यूनिट बिजली एक दिन में विंध्य को मिल रही है। अब सीधे तौर पर नया डबल सर्किट फीडर बनाए जाने से रीवा को बिजली सप्लाई हो रही है। रीवा, सतना, अमरपाटन, मैहर तक को बिजली सप्लाई की जा रही है।n
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बिजली का संकट अब नहीं मंडराएगा
सोलर पावर प्लांट बदवार से बिजली मिलने के कारण कोयला और पानी से तैयार होने वाली बिजली पर डिपेंडेंसी कम हो गई है। कोयले की कमी से हाल में बिजली का संकट खड़ा हो गया था। इसका असर विध्ंय सहित रीवा में बिजली कटौती के तौर पर खासा पड़ा था । हालांकि अब इस तरह की समस्याओं से राहत मिलेगी। सोलर बिजली इन कमियों को पूरा करेगी।