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स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे अंक पाने के लिए निगम प्रशासन ने 2021 में 40 लाख की रोड स्वीपिंग मशीन खरीदी थी। वह बिना सड़क पर उतरे ही खराब हो गई और दो साल से फिल्टर प्लांट में खड़े.खड़े धूल फांक रही है। 40 लाख रुपए की अत्याधुनिक सफाई मशीन बिना चले कैसे खराब हो गईए इसकी मरम्मत क्यों नहीं कराई गईए इस सवाल का जवाब नगर निगम के अधिकारी भी नहीं दे पा रहे हैं।
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नगर निगम की ओर से बताया गया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में अत्याधुनिक सफाई मशीन से सड़कों की सफाई पर 200 अंक मिलने थे। इस अंक की चाहत में हरियाणा से 40 लाख की रोड स्वीपिंग मशीन क्रय की गई। मशीन आते ही दो दिन में ही उसके कंप्रेशर में तकनीकी खराबी आ गई। मशीन खराब होने के बाद अधिकारियों ने वापस करने के लिए कंपनी से संपर्क किया लेकिन कंपनी ने मशीन वापस लेने से साफ मना कर दिया। बिना सफाई बेडे़ में शामिल हुए ही दो दिन में खराब हुई सफाई मशीन की मरम्मत कराने की बजाय निगम प्रशासन ने उसे कबाड़ वाहनों के बीच खड़ा कर दिया है। वहां पर दो साल से खड़ी यह मशीन निगम प्रशासन की अनदेखी के चलते बिना उपयोग के ही कबाड़ में तब्दील हो चुकी है।
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nदो साल पूर्व 2021 में जब मशीन आई थी तब निगम अधिकारियों ने दावा किया था कि इस मशीन के आने से शहर की प्रमुख सड़कों की बेहतर सफाई हो सकेगी। लेकिनए मानव रहित यह सफाई मशीन बिना सड़क पर उतरे ही खराब हो गई है। मशीन दो साल में सिर्फ चार दिन ही सड़क पर सफाई के लिए उतरी है। स्वच्छता सर्वेक्षण टीम को दिखाने मार्च में दो दिन के लिए इस सफाई मशीन को सड़क पर उतारा गया। इसके बाद यह कभी भी सड़क पर नहीं दिखी।
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रोड स्वीपिंग मशीन दो साल पहले आई थी। बीते साल स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान उसे सफाई के लिए सड़क पर उतारा गया था। इसके बाद मशीन का क्या हुआ और वह कहां हैए मुझे कोई जानकारी नहीं है।
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बृजेश मिश्रा, स्वास्थ्य अधिकारी ननि satna
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रोड स्वीपिंग मशीन में कुछ टेक्निकल फॉल्ट आ जाने के कारण उसे खड़ा कर दिया गया है। उसकी मरम्मत क्यों नहीं हो रहीए इस संबंध में मुझे अधिक जानकारी नहीं है। वाहन की फाइल देखकर ही बुछ बता सकता हूं।
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अंशुमन सिंहए एई, वाहन प्रभारी नगर निगम satna