रीवा। नगर निगम में आयुक्त की कुर्सी में हुए बदलाव के बाद अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। जिस सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों में निगम टॉप पर था, ऐसे महत्वपूर्ण मामले में भी अब अधिकारी लापरवाही करने लगे हैं, आलम यह है कि शिकायतों का निराकरण अब पीडि़तो को धमकाकर किया जाने लगा है। बड़ा मामला नगर निगम के जोन क्रमांक 3 में सामने आया है, जिसमें शिकायत करने पर पीडि़त को ही उल्टा नोटिस जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं उस पर कार्यवाही करने का दबाव बनाते हुए शिकायत को भी वापस करा दिया गया। पीडि़त अजय सोनी निवासी अनंतपुर वार्ड क्रमांक 10 ने बताया कि उनका मकान जनता कॉलेज के सामने है, घर को जाने वाली सड़क में डब्ल्यूबीएम का टेंडर किया गया था लेकिन रोड निर्माण नहीं हुआ तो उसके द्वारा शिकायत सीएम हेल्प लाइन में की गई थी, शिकायत क्रमांक 22241128 के निराकरण के लिए निगम अधिकारियों के फोन आए, उनके द्वारा शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया।
n———-
nशिकायत बंद होने के बाद नोटिस
nपीडि़त ने बताया कि निगम इंजीनियर ने यह तक धमकी दी कि यदि शिकायत वापस नहीं लोगे तो तुम्हारे घर के अवैध निर्माण गिराने की कार्यवाही होगी जिसकी कॉल रिकार्डिंग भी उसके पास है, पीडि़त ने बताया कि उसने नगर निगम के अधिकारियों के दबाव में शिकायत बंद भी करा दी लेकिन उसके बाद अधिकारियों ने उसके पत्नी के नाम अवैध निर्माण की नोटिस जारी कर दी और कार्यवाही की बात कर रहे हैं। तीन दिन का समय नोटिस में दिया गया है।
n———-
nसीएम हेल्पलाइन पड़ी महंगी
nपीडि़त ने बताया कि उसके द्वारा भवन अनुज्ञा लेकर निर्माण किया गया है जबकि वहां कई ऐसे घर हैं जिनके पास अनुज्ञा भी नहीं है लेकिन सीएम हेल्पलाइन शिकायत के चलते उसे जबरन नोटिस दिया जा रहा है। पीडि़त ने कहा कि निगम से इंजीनियर ने फोन पर कहा था कि मुझसे जो पंगा लेगा और मेरे खिलाफ शिकायत करेगा उसका घर गिरवा दूंगा। मामले के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा किया जा रहा है कि अब निगम अधिकारी अपनी नकामयाबी को छिपाने के लिए पीडि़तों पर दबाव बना रहे हैं।
n०००००००००००००००००
nn