सीधी. प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस में दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीधी जिले में भाजपा के लिए विधानसभा क्षेत्र सिहावल के चुनाव की डगर इस बार भी आसान नहीं है। एक दशक से सिहावल क्षेत्र कांग्रेस का सुरक्षित गढ़ बना हुआ है। पूर्व मंत्री एवं सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल की सक्रियता अपने क्षेत्र में लगातार होने से यहां कांगे्रस का ही जनाधार अब भी मजबूत माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा के समक्ष जनाधार वाले अभ्यर्थी का चयन करना काफी चुनौती भरा है। सिहावल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से जहां पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल का टिकट पक्का माना जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी में भी वह शामिल हैं।
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इस वजह से उन्हें कांग्रेस पार्टी में काफी तरजीह मिल रही है। वहीं भाजपा की ओर से विधानसभा क्षेत्र सिहावल में चुनाव लडऩे के दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नए-नए दावेदारों के सामने आने से पार्टी के शीर्षस्थ नेता भी पशोपेस में हैं। सिहावल विधानसभा क्षेत्र से करीब आधा दर्जन दावेदार सामने आ चुके हैं। कुछ के द्वारा तो अपना जन संपर्क भी शुरू करके अपनी सक्रियता साबित की जा रही है। राजनैतिक जानकारों का मानना है कि विधानसभा क्षेत्र सिहावल से भाजपा को ऐसे जनाधार वाले अभ्यर्थी का चयन करना चाहिए जो कि कांगे्रस के समक्ष चुनौती साबित कर सके। सिहावल विधानसभा क्षेत्र में सभी यह मान कर चल रहे हंै कि यहां से भाजपा की ओर से जब तक अच्छे अभ्यर्थी का चयन नहीं किया जाता कांग्रेस को चुनौती नहीं दी जा सकती। कांग्रेस के सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल का जनाधार एवं लोकप्रियता सिहावल विधानसभा क्षेत्र में लगातार बनी हुई है। उनके द्वारा जन समस्याओं को लेकर विपक्ष में रहने के बावजूद सार्थक पहल की जा रही है।
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जिससे लोगों की समस्याएं दूर हो सकें। उनके प्रयासों के चलते ही सिहावल विधानसभा क्षेत्र में कई विकास कार्यों को पूरा करनें में मदद मिली है। वह ऐसे नेता हैं जो कि अपने क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश स्तर पर भी आवाज उठाते रहे हैं। उनके प्रयासों के चलते ही सिहावल विधानसभा क्षेत्र में कई विकास कार्यों को समय-समय पर मंजूरी मिलती रही है। सिहावल विधायक द्वारा अपने क्षेत्र को कांग्रेस के लिए सुरक्षित किला बना दिया गया है। यह अवश्य है कि सिहावल विधानसभा क्षेत्र सीधी जिले के साथ ही सिंगरौली जिले में भी फैला हुआ है। श्री पटेल सीधी के साथ ही सिंगरौली जिले में भी अपना समय दे रहे हैं। अधिकांश गांवों में उनका जन संपर्क एक दो महीने के अंतराल से हो रहा है। वह ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हैं और उसका निराकरण करानें के लिए पूरा प्रयास करते हैं। इस वजह से उनकी लोकप्रियता बनी हुई है।
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ेविधानसभा क्षेत्र सिहावल से दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में भी जिन दावेदारों के नाम सुर्खियों में बने हुए हैं उनमें रीती पाठक, विश्वामित्र पाठक, धनश्याम पाठक, वशिष्ट पाण्डेय, शिवबहादुर ङ्क्षसह, ऊषा गोपाल पटेल प्रमुख हैं। इसके अलावा भाजपा की ओर से कुछ अन्य लोग भी चुनाव लडऩे के लिए कड़ी दावेदारी प्रदर्शित कर रहे हैं। सिहावल विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने के लिए कई दावेदार भोपाल एवं दिल्ली तक की यात्रा कर रहे हैं। कुछ दावेदार तो पार्टी की शीर्ष नेताओं की ओर से टिकट का आश्वासन भी मिला हुआ है। फिर भी यह माना जा रहा है कि पार्टी द्वारा सिहावल विधानसभा क्षेत्र के लिए अधिकृत अभ्यर्थी के नाम की घोषणा काफी देर से की जा रही है। इसी वजह से दावेदारों को जब तक टिकट नहीं मिलता उनके द्वारा क्षेत्र में सघन जन संपर्क नहीं किया जा रहा है। विश्वामित्र पाठक द्वारा अपनी उपस्थिति क्षेत्र में बनाने के लिए कुछ स्थानों में समय-समय पर संपर्क भी किया जा रहा है। इसके अलावा वशिष्ट पाण्डेय द्वारा भी विधानसभा क्षेत्र के कई ग्रामों में संपर्क के साथ ही वरिष्ट जनों का सम्मान भी किया जा रहा है। उनके द्वारा सिहावल विधानसभा क्षेत्र के सीधी जिले के साथ ही सिंगरौली जिले में भी वरिष्ट जनों का सम्मान कर अपनी मजबूत उपस्थिति प्रदर्शित की जा रही है।
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भाजपा की ओर से आयोजित हो रहे कार्यक्रम
nविधानसभा क्षेत्र सिहावल में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनावी वर्ष में कुछ पार्टी के कार्यक्रमों का आयोजन करने का सिलसिला शुरू किया गया है। राजनैतिक जानकारों का कहना है कि क्षेत्र में भाजपा की ओर से कोई भी दमदार चेहरा मैदान में आकर अपनी सक्रियता नहीं प्रदर्शित कर रहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी अमिलिया एवं सिहावल क्षेत्र में कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है जिसमें आम लोगों की सहभागिता बढ़ सके। कभी-कभार सिहावल विधानसभा क्षेत्र में बहरी अंचल में ही पार्टी की ओर से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा अमिलिया एवं सिहावल क्षेत्र में पार्टी की ओर से कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर दूरी बनाई गई है। यहां तक कि भाजपा प्रदेश सरकार की ओर से जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी गांव-गांव पहुंचाने के जो निर्देश दिए गए हैं उसका पालन करने में भी इस क्षेत्र में लापरवाही देखी जा रही है। चुनावी वर्ष में माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से ही कुछ आयोजन करके अपने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति सामने रखी जाएगी।