भोपाल। मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दल अपनी तैयारियों की धार को तेज कर रहे हैं। इसमें जीतने वाले चेहरों पर जहां दांव लगाया जा रहा है, तो वहीं खराब रिपोर्ट वाले नेताओं को बाहर करने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों के टिकट भी खतरे में हैं।
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nगौरतलब है कि भाजपा और कांग्रेस अपने उम्मीदवार तय करने में सर्वे को आधार बना रही हैं। विशेष कर भाजपा पांचवीं बार सत्ता पाने उम्मीदवारों को तय करने में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पिछले एक माह से जिस तरह से उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया जा रहा है, उससे यह तय है कि पार्टी हारी हो या जीती हुई विधानसभा सभी में ऐसे चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है, जो भाजपा की जीत के मापदंड में खरे उतर रहे हों। सूत्रों की मानें तो भाजपा के सर्वे में सरकार के कई मंत्री फेल साबित हुए हैं। ऐसे में उन्हें टिकट दिया जाए या नहीं इस पर मंथन हुआ है।
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nपिछले दिनों सीएम हाउस में निर्णयकर्ताओं ने खराब स्थिति वाले मंत्रियों को लेकर घंटों चर्चा भी की है। सूत्रों के अनुसार खराब स्थिति में मौजूदा वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, बृजेन्द्र यादव, सुरेश राठखेड़ा, बिसाहूलाल सिंह के अलावा कुछ और मंत्री हैं, जिनके बारे में वरिष्ठ नेता तय नहीं कर पा रहे हैं कि उनका इस बार टिकट काटा जाए या नहीं। जानकारों का कहना कि इन मंत्रियों सहित 60 विधायकों के बारे में भी अब तक आमराय नहीं बन पा रही है।
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गौरतलब है कि वर्ष 2018 में तत्कालीन सरकार के 13 मंत्री चुनाव हार गए थे, क्योंकि उनके खिलाफ एंटीइनकमबैैंसी थी और उनके टिकट काटने की सिफारिश भी की गई थी,किन्तु तबके निर्णय कर्ता उनके टिकट काटने का फैसला नहीं ले पाएं थे और कांग्रेस सत्ता पर पहुंची थी।
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हालांकि मध्यप्रदेश में भाजपा की स्थिति अलग तरह की है, लेकिन फिर भी यहां टिकट वितरण में गुजरात जैसा फार्मूला प्रभावी हो सकता है। जहां पार्टी की स्थिति खराब है, वहां पिछले नतीजों से सबक लेते हुए पार्टी इस बार नए चेहरों पर दांव खेल सकती है।
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सांसद भी लड़ सकते हैं विधायक का चुनाव
nपार्टी जीत के लिए अपने कुछ सांसदों को भी मैदान में उतार सकती है। इनमें सतना सांसद गणेश सिंह, झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर, नर्मदापुरम सांसद राव उदयप्रताप सिंह, गुना सांसद केपी यादव प्रमुख हैं।
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nसिंधिया समर्थक भी लालघेरे में
nजानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कुछ पूर्व विधायकों व नेताओं के टिकट खतरे में पड़ सकते हैं। इनमें मुरैना सीट से रघुराज कंसाना, करैरा से जसमंत जाटव और दिमनी से पूर्व मंत्री गिरिराज दंडौतिया का नाम सामने आ रहे हैं। इन नामों को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व असमंजस है। सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमा सहमत हुआ तो इनके नाम बदले भी जा सकते हैं।
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