सीधी. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विधानसभा चुनाव को लेकर दावेदारों की सूची तैयार की जा रही है। जिले से विधानसभा क्षेत्र सीधी एवं धौहनी के लिए कई दावेदारों द्वारा अपना बायोडाटा जमा किया जा चुका है। सबसे ज्यादा दावेदारी विधानसभा क्षेत्र सीधी से सामने आ रही है। अभी तक करीब दर्जन भर नेताओं द्वारा विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए अपनी दावेदारी पेश की जा चुकी है। इनमें सबसे सुर्खियों में हैं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष चिंतामणि तिवारी। दरअसल चिंतामणि तिवारी पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री स्व. कुंवर अर्जुन सिंह के काफी करीबियों में शामिल थे। इसके अलावा पूर्व मंत्री इंद्रजीत कुमार से भी उनकी काफी नजदीकियां बनी हुई थी।
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इसी वजह से चिंतामणि तिवारी को जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी का निर्वहन करने का अवसर भी प्राप्त हुआ था। चुरहट विधानसभा क्षेत्र से वे कांग्रेस के प्रत्याशी भी रह चुके हैं। तत्संबंध में जानकारों का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र सीधी से चिंतामणि तिवारी की दावेदारी सामने आते ही पार्टी हल्कों में ही हड़कंप मच गया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल एवं सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल के करीबियों में शुमार चिंतामणि तिवारी की दावेदारी को काफी मजबूती से लिया जा रहा है। श्री तिवारी ने विधानसभा क्षेत्र सीधी से वरिष्ट ब्राम्हण नेता के रूप में अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। उनकी दावेदारी सामने आने के बाद से पार्टी के अन्य दावेदार भी काफी पशोपेश में फंस गए हैं।
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साथ ही पार्टी के शीर्ष नेता भी यह चाहते हैं कि परिसीमन के बाद से विधानसभा क्षेत्र सीधी के आस्तित्व में आने के बाद से कांग्रेस पार्टी को लगातार पराजय का मुंह देखना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण सही प्रत्याशी का चयन न होना भी माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि चुनाव मैदान में आने वाले प्रत्याशियों को क्षेत्रीय मतदाता काफी नजदीकी के साथ जानते हैं। उन्हें यह मालूम है कि चुनाव के समय बड़ी-बड़ी डींगे हांकने वाले नेताओं की असलियत क्या है। वह विकास के लिए क्या करने की कूबत रखते हैं। चुनाव मैदान में उतरने वाले नेताओं को अपनी सक्रियता क्षेत्र में कई महीनों से प्रदर्शित कर देनी चाहिए। अंतिम समय में मतदाताओं के सामने हांथ जोडऩे से कुछ खास नहीं मिलता। चिंतामणि तिवारी पुराने कांग्रेस के वरिष्ट नेता हैं वह किसी की पहचान के मोहताज नहीं हैं। यदि उन्हें पार्टी की ओर से विधानसभा क्षेत्र सीधी में टिकट दिया जाता है तो भाजपा की राह टेंढ़ी हो सकती है। वहीं विधानसभा क्षेत्र धौहनी से भी करीब आधा दर्जन दावेदारों द्वारा अपना बायोडाटा जमा किया जा चुका है। जिस पर इन दिनों भोपाल में मंथन किया जा रहा है।
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निभा चुके हैं बड़ी जिम्मेदारी
nवरिष्ट कांग्रेस नेता चिंतामणि तिवारी पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए आरंभ से ही पूरी मुस्तैदी के साथ लगे हुए हैं। उन्हें प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का गौरव भी प्राप्त है। साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के पद पर रहते हुए उनके द्वारा पार्टी संगठन को काफी मजबूती प्रदान की गई थी। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा यदि पहले ही प्रयास किया गया होता तो चिंतामणि तिवारी को कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट मिलने के साथ ही वह अपना दम-खम चुनाव मैदान में भी दिखा सकते थे। यदि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा इस संबंध में जल्द ही निर्णय लेकर संभावित प्रत्याशियों को तैयारी शुरू करने का इशारा कर दिया जाता है तो इसका लाभ भी चुनाव में कांग्रेस को मिल सकता है। ब्राम्हण प्रत्याशी होने के कारण चिंतामणि तिवारी को इसका भरपूर लाभ क्षेत्र में मिलेगा। जरूरत इस बात की भी है कि वह अपनी इस छवि को किस तरह से मतदाताओं के समक्ष रख सकते हैं। फिलहाल भोपाल में बड़े नेताओं के समक्ष चिंतामणि तिवारी की दावेदारी विधानसभा क्षेत्र सीधी से प्रस्तुत होने के बाद से ही राजनीतिक पंडितों द्वारा भी इस पर गंभीरता के साथ विचार मंथन किया जा रहा है।