रीवा. विधानसभा चुनाव में बेहतर परफार्म के साथ सत्ता की पुनर्वापसी के लिए कांग्रेस ने प्लान-66 बनाया अवश्य, लेकिन उस पर अमल अब तक नहीं कर पायी। इस प्लान के तहत प्रदेश की 66 विधानसभा सीट जिसमें पुराने रीवा जिले की पांच विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं, में तीन महीने पूर्व ही प्रत्याशी उतारना था। कांग्रेस का प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व मंथन पर मंथन करता रहा लेकिन अभी तक प्रत्याशी नहीं उतार पाया। प्रत्याशी घोषणा की जो तिथि बतायी जा रही है उससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस प्रत्याशियों को केवल एक महीने ही प्रचार के लिए समय मिलेगा। उल्लेखनीय है कि 9 अक्टूबर को प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशियों को 39 दिन प्रचार के लिए समय मिलना था। भाजपा रीवा के चार विधानसभा क्षेत्रों सहित प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 106 में अपने प्रत्याशी उतार चुकी है, जिन्हें आयोग द्वारा मिले चुनाव प्रचार का पूरा उपयोग कर सकेंगे। लेकिन कांग्रेस इस मामले में पीछे रह गई। अभी तक टिकट की प्रत्याशा में कांग्रेस दावेदार क्षेत्र में काफी भागदौड़ कर रहे थे, लेकिन अभी हाल ही में दिल्ली में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद मिले संकेतों के बाद कांग्रेसी हल्के में सूनापन नजर आ रहा है।
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nज्ञात हो कि प्लान 66 के तहत प्रदेश के उन विधानसभा क्षेत्रों को रखा गया है जहां कांग्रेस तीन से अधिक बार से लगातार हार रही है। रीवा में पांच विधानसभा क्षेत्र सिरमौर, त्योंथर, रीवा, मनगवां व देवतालाब को शामिल किया गया था। प्लान के तहत इन विस क्षेत्रों मेें जून या जुलाई के पहले सप्ताह तक प्रत्याशी की घोषणा किया जाना था। इसके पीछे योजना यह थी कि हारी हुई सीटों में प्रत्याशी पहले उतारने से उसकी जनता के बीच नजदीकी बनेगी और पार्टी को जीत मिलेगी। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
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जिस डर से कांग्रेस ने टिकटों की घोषणा नहीं की उस अंदरूनी कलह की आहट अभी से आने लगी है। जिले के त्योंथर विधानसभा क्षेत्र से अमहिया कांग्रेस के वारिस सिद्धार्थ तिवारी राज को टिकट दिए जाने की संभावना थी। उनके समर्थक यही मान कर चल रहे थे। लेकिन पिछले दिनों जब राज तिवारी को प्रदेश संगठन का महामंत्री बनाया गया तो लोग यह मानकर चल रहे हैं उन्हें अब टिकट नहीं दी जायेगी। टिकट न दिए जाने की चर्चा आम होने पर पहले एक एमआइसी सदस्य ने इस्तीफा दिया, उसके बाद एनएसयूआई के कुछ पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया। इसी तरह हनुमना जनपद के कुछ सदस्यों के भी कांग्रेस से इस्तीफा देने की चर्चा है। अभी टिकट की घोषणा नहीं हुई तब यह हाल है, टिकट के बाद यहां की अंदरूनी कलह सड़क पर आने की पूरी संभावना है।