रीवा। दो दिन बाद नामांकन दाखिला शुरू होना है लेकिन अभी सियासी जिला रीवा की सभी 8 विधानसभा सीटों से सभी दल अपने प्रत्याशी अभी तक नहीं उतारे हैं। कांग्रेस जहां भाजपा का इंतजार कर रही है वहीं आप, बसपा व सपा इनकी टिकटों पर टक-टकी लगाए हैं। भाजपा ने अभी चार विधानसभा सीटों रीवा से राजेंद्र शुक्ल, देवतालाब से गिरीश गौतम, मऊगंज से प्रदीप पटेल व सिरमौर से दिव्यराज सिंह के नामों की घोषणा कर दी है। लेकिन अभी चार विधानसीटों सेमरिया, मनगवां, गुढ़ व त्योंथर से प्रत्याशी नहीं उतारे। इधर कांग्रेस ने मऊगंज में जहां भाजपा का प्रत्याशी तय है वहां सुखेंद्र सिंह बन्ना को उम्मीदवार बना कर उतार दिया लेकिन सेमरिया को छोड़ कर अन्य सीटों में जहां भाजपा ने प्रत्याशी उतारा है वहां होल्ड पर रखा है। कांग्रेस ने त्योंथर से रमाशंकर सिंह, मनगवां से बबिता साकेत व गुढ़ से कपिध्वज सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है।
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इस तरह कहा जा सकता है कि जहां भाजपा ने प्र्रत्याशी उतारा वहां कांग्रे्रस मंथन कर रही और कांग्रेस ने उतारा वहां भाजपा मंथन कर रही है। अन्य दलों में बसपा की बात करें तो उसने सिरमौर से वीडी पांडेय, सेमरिया से पंकज पटेल, मनगवां से रामायण साकेत व देवतालाब से को उतारा है। आप ने सिरमौर से सरिता पांडेय, रीवा इंजी दीपक सिंह, मनगवां वरुण अंबेडकर, मऊगंज उमेश त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया हैै। वहीं समाजवादी पार्टी ने सिरमौर से पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी, त्योथर से त्रिनेत्र पांडेय, देवतालाब से रामयज्ञ सोंधिया व गुढ़ से अमरेश पटेल को प्रत्याशी बनाया है। इस तरह देखा जाय तो अभी सियासी जिला रीवा(मऊगंज सहित)का सियासी गुण-गणित उलझा हुआ है। बागियों के इंतजार में सपा-बसपा व आप : भाजपा-कांग्रेस जहां उलझन में है तो सपा-बसपा व आप अपनी रिक्त सीटों में इन दोनो दलों के बागियों पर निगाह जमाए हुए हैं। सतना की तरह रीवा में बसपा आस लगाए हुए हंै।
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सिद्धार्थ व अभय ने फंसाया पेंच
nऐन वक्त पर त्योथर से दोवदार रहे सिद्धार्थ तिवारी के भाजपा में शामिल होने और सेमरिया से दावेदार रहे अभय मिश्रा के कांग्रेस में शामिल होने से पेंच फंस गया है। दोनो दलों के प्रत्याशी घोषणा में पेच फंस गया है। इन दोनो नेताओं को प्रत्याशी बनाने पर दोनो दलों को डैमेज कंट्रोल का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस को रीवा-सिरमौर व सेमरिया तीनों सीटों पर संतुलन बनाने की चुनौती है। अमहिया कांग्रेस को साधने के हिसाब से सिरमौर व रीवा की टिकटों में फैसला लेना पड़ सकता है। वहीं भाजपा को त्योथर में विरोध का सामना करना पड़ सकता है।