रीवा. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड की आड़ में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में पदस्थ लिपिक का बेटा इस कारोबार का मास्टर माइड बन कर सामने आ रहा है। इसके खिलाफ हुई शिकायत ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। यहां अब तक करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है। इसी फर्जीवाड़ा के कारण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पेड ओपीडी, आईपीडी चलाने के बाद भी फायदे में नहीं आ पाया। घाटे में ही चल रहा है।
n150 करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मंशा पर यहां के कर्मचारी, डॉक्टर पानी फेर रहे हैं। मरीजों को इलाज तो मिल रहा है लेकिन अस्पताल की कमाई नहीं हो रही। सारा इलाज आयुष्मान में ही दर्ज हो रहा है। पेड मरीजों का भी फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाकर लूटखसोट की जा रही है। यह कारोबार लंबे समय से चल रहा था लेकिन एक शिकायत ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। इसके पहले भी आयुष्मान मित्र की शिकायत हुई थी लेकिन प्रबंधन ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसके कारण अस्पताल को करोड़ों की चपत लगी और मरीजों को हजारों, लाखों रुपए गंवाने पड़े। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर और आयुष्मान मित्र मिलकर मरीजों को इलाज के नाम पर पहले डराते थे। फिर उनका फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाकर फ्री इलाज कराते थे। इलाज का खर्च खुद जेब में रख लेते थे। यह फर्जीवाड़ा अब भी जारी है। इस फर्जीवाड़े ने पूरे सिस्टम को ही ठप कर दिया है। पेड ओपीडी, आईपीडी चलाने के बाद भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल घाटे से उबर नहीं पा रहा है।
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nलंबे समय से चल रहा खेल
nआयुष्मान बनाकर रुपए ऐंठने का खेल लंबे समय से चल रहा है। इस अवैध कारोबार में सैकड़ों मरीज फंस चुके हैं। लाखों का इलाज आधे से भी कम दाम में होने के कारण मरीजों ने भी शिकायत नहीं की। इतना ही नहीं रुपए देने के बाद उसका हिसाब और बिल भी नहीं लिया। अब तक जालसाजों ने मिलकर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। इसकी जांच ही पूरे फर्जीवाड़े की पोल खोलेगा।
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nसब की रहती है हिस्सेदारी
nइस अवैध कारोबार में सिर्फ आयुष्मान मित्र के ही हाथ काले नहीं है। इसमें मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर की भूमिका मुख्य रहती है। आयुष्मान मित्र उन्हीं के इसारों पर काम करते हैं। मरीजों की स्थिति और जरूरत के हिसाब से उन्हें डील किया जाता है। फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाकर रुपए ऐंठने के धंधे में टेक्नीशियन भी शामिल होते हैं। राशि वसूलने के बाद सभी में हिस्सा बंटता है। सबसे अधिक संबंधित डॉक्टर के पास जाता है।
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nअब तक हजारों से कर चुके खेल
nसुपर स्पेशलिटी अस्पताल में अब तक हजारों मरीजों से इलाज के नाम पर रुपए ऐंठ चुके हैं। कार्डियोलॉजी, यूरो और न्यूरो में सबसे अधिक इनका शिकार मरीज हुए हैं। मरीजों को फ्री में इलाज का झांसा देकर रुपए ऐंठते हैं। पहले इन्हें लाखों रुपए का खर्च दिखाया जाता है। बाद में आधे में सौंदा होता है। आयुष्मान मित्र, मरीज का आयुष्मान बनाकर इलाज फ्री करा देते हैं। मरीज जो रुपए लेते हैं वह आयुष्मान मित्र आने पास रख लेते हैं।
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इस जालसाजी में कई मरीज और उनके परिजन फंस चुके हैं। मरीजों को कई महीने इलाज और आपरेशन के लिए दौड़ाया जाता है। बाद में चंद रुपए के खर्चे में आयुष्मान बनाकर इलाज फ्री कराने का झांसा दिया जाता है। लाखों रुपए का इलाज जब कम खर्चे में हो रहा हो तो ऐसे में मरीज भी शिकायत नहीं करता। यही वजह है कि यह जालसाजी का खेल अब तक चला आ रहा था।
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nपिता का था संरक्षण इसलिए बिना डरे कर रहा था काम
nजिस आयुष्मान मित्र पर रुपए लेकर फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने का आरोप लग रहा है। उस आयुष्मान मित्र का नाम अंकुर सेन है। उसके पिता श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में लिपिक के पद पर पदस्थ हैं। इन्हीं का संरक्षण मिला हुआ है। यही वजह है कि बेटा खुलेआम मरीजों को लूटने में लगा हुआ था।
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मामला संज्ञान में आया है। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मरीजों से रुपए लेने वाले कर्मचारी को तुरंत बाहर किया जाएगा।
nडॉ राहुल मिश्रा
nअधीक्षक, संजय गांधी अस्पताल रीवा