रीवा। जिला अस्पताल के पैथालॉजी विभाग में पदस्थ डॉक्टर जुगाड़ से कार्यालय में जम गए है। जबकि शासन ने डॉक्टरों के बाबूगीरी वाले काम पर रोक लगा रखी है। इसके बाद भी उनकी पदस्थापना सीएमएचओ कार्यालय में कर दी गई। इसके पहले पैथालॉजी विभाग में काम करने से बचने के लिए डॉक्टर प्रशिक्षण के नाम पर मुक्त हुए थे, लेकिन एसजीमएमएच पहुंचे ही नहीं थे।
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nज्ञात हो कि जुलाई 22 मे स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े ने आदेश किया था कि जिले में कार्यक्रम अधिकारी जैसे परिवार कल्याण मलेरिया, कुष्ठ आदि पद पर चिकित्सकों को ना पदस्थ किया जाये बल्कि पीजी चिकित्सकों से जिला अस्पताल में रोगियों की सेवा ली जाए। इसके बाद भी जिला अस्पताल में नियम तोड़ दिया गया। जिला अस्पताल में पैथोलॉजी विभाग में पदस्थ चिकित्सक डॉक्टर केबी गौतम को विभाग में ही सेवाएं देनी थी लेकिन उनकी पदस्थापना कहीं और कर दी गई। इससे लोग प्रभावित हो रहे हैं। पैथालॉजी विभाग में प्रतिदिन हजारों मरीज आते हैं । करोड़ों रुपए की जांच मशीन लगी है। इनका नियंत्रण पैथोलॉजिस्ट को करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पैथालॉजिस्ट सीएमएचओ से जुगाड़ कर बीएचयू पद पर पदस्थ हो गए हैं।
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प्रशासन के आदेश का उल्लंघन किया गया है। इतना ही नहीं डॉ गौतम को सिविल सर्जन जिला अस्पताल डॉक्टर के पी गुप्ता ने सोनोग्राफी प्रशिक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज के लिए भी कार्यमुक्त किया था। डॉ गौतम मेडिकल कॉलेज में सोनोग्राफी प्रशिक्षण लेने पहुंचे ही नहीं थे। विभागाध्यक्ष रेडियोलॉजी एसजीएमएच ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर इनकी करतूत भी उजागर की थी। डॉ गौतम सीएमएचओ कार्यालय में रहते हुए नर्सिंग होम व पैथोलॉजी के जांच में ज्यादा रूचि लेते है वहीं जिला अस्पताल ब्लड बैंक में सेवाएं देने से बच रहे हैं।
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