रीवा। जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा चुकी है, भला हो विशेषज्ञों का ही वह अधूरे संसाधनों के बाद भी मरीजों के सामने सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की लाज बचाए हुए हैं। संसाधनों के अभाव से मरीजों को वह पूरा इलाज नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं। मजबूरन मरीजों को या तो हाई सेंटर पर जाना पड़ता है या फिर प्राइवेट अस्पतालों में जेब ढीली करनी पड़ रही है। जिला अस्पताल में बीते वर्षों में बड़ा सुधार हुआ है लेकिन यहां अभी भी ऐसे संसाधन उपलब्ध नहीं हैं जो स्वास्थ्य केन्द्र में सबसे अधिक जरूरी हैं। जिला अस्पताल में सबसे अधिक संसाधनों का अभाव यहां के अस्थि रोग विभाग में है। यहां छोटी-छोटी मशीनें ही उपलब्ध नहीं है, जिससे यहां पदस्थ्य दो विशेषज्ञों का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में घायल युवा-बुजुर्ग अस्पताल में उपचार के लिए भटकते हैं, हड्डी रोगियों की लगातार ओपीडी में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, परंतु जिला अस्पताल में हड्डी के ऑपरेशन के लिए सी-आर्म मशीन व आर्थो ओटी के आधुनिक उपकरणों की कमी है। इसके चलते हड्डी रोग विशेषज्ञ मरीजों के बड़े आपरेशन नहीं कर पा रहे हैं।
n——-
nक्या है सी-आर्म मशीन
nसी आर्म एक छोटी एक्स-रे मशीन की तरह काम करती है। इस मशीन के सहयोग से चिकित्सक ऑपरेशन करते समय अंगों के थ्री डी चित्र देख सकते हैं और टूटी हड्डी को जोड़ते समय प्लेट, रॉड लगाने की सही स्थिति का पता लगाते हैं। इस सी-आर्म मशीन से यह पता लग जाता है कि स्क्र, रॉड कहा लगानी है। इस सी-आर्म मशीन की मदद से चिकित्सक आसानी से हड्डी जोड़ सकता है।
n———
nअभी यह है स्थिति
nअस्पताल में हड्डी टूटने का यदि कोई गंभीर मामला आ जाए तो उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे रेफर करने की मजबूरी होती है। कई बार इमरजेंसी होने पर मजबूरी में मरीज की जान जोखिम में डालकर ऑपरेशन करना पड़ता है। इससे केस बिगडऩे की संभावना रहती है। मशीन नहीं होने से ऑपरेशन की सटीकता पर भी असर पड़ता है। इसके बावजूद यहां डॉ.भागवत यादव जैसे विशेषज्ञों द्वारा कई जटिल ऑपरेशन किए जा रहे हैं, यदि उन्हें पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं तो जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है और यहां भी बड़े-बड़े ऑपरेशन किए जा सकते हैं।
n——–
nलगातार हो रही मांग
nबता दें कि इस संबंध में अस्थि रोग विभाग के विशेषज्ञों द्वारा लगातार मांग की जा रही है, सिविल सर्जन भी लगातार पत्र शासन को लिख रहे हैं लेकिन मशीन नहीं मिल सकी, जबकि इसकी कीमत भी 15 लाख तक की है, बताया गया कि बीच में निरीक्षण के दौरान रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला और कलेक्टर प्रतिभा पाल को भी जानकारी दी गई लेकिन मशीन उपलब्ध नहीं हो सकी, जबकि इस मशीन की जिला अस्पताल को अत्यंत अवश्यकता है।
n———-
nसीधी में कबाड़ हो रही
nहैरानी इस बात की है कि प्रदेश में रीवा का जिला अस्पताल ही एक ऐसा अस्पताल है, जहां एक छोटी मशीन स्थापना के बाद से कभी आई ही नहीं, वहीं सीधी जिला अस्पताल में दो सी-आर्म मशीन हैं, जिसमें एक ही उपयोग हो रही है। यदि संभागायुक्त और जेडी हेल्थ प्रयास करें तो जब तक मशीन नहीं आती जिस मशीन का उपयोग सीधी में नहीं हो रहा है, उसे रीवा लाकर मरीजों को लाभ दिया जा सकता है लेकिन हैरानी इस बात की है कि जिम्मेदारों ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया।
n०००००००००००००
nवर्जन
nसी-आर्म मशीन के लिए कई दफा शासन को पत्राचार किया गया है लेकिन अभी मशीन नहीं मिली, इसकी विशेष अवश्यकता होती है। जल्द व्यवस्था बनाई जाएगी।
nडॉ.संजीव शुक्ला, जेडी हेल्थ रीवा।
n——–
nजिला अस्पताल में सी-आर्म मशीन न होने से मरीजों के आपरेशन में समस्या होती है, मशीन मिलने से मरीजों को ज्यादा लाभ दिया जा सकता है। इस संबंध में कई दफा मांग की जा चुकी है।
nडॉ.भागवत यादव, विशेषज्ञ अस्थि रोग विभाग, जिला अस्पताल।
n०००००००००००००
nn