रीवा। सिविल लाइन थाना प्रभारी का इलाज सुपर स्पेशलिटी में और बेहतर तरीके से संभव था। यहां पूरी एक्सपर्ट की टीम मौजूद थी। कार्डियक थोरेसिक सर्जन तक मौजूद थे। हाईटेक ओटी मौजूद हैं। सुपर स्पेशलिटी में घायल थाना प्रभारी का तुरंत ऑपरेशन, जांच और इलाज संभव था। बाहर से डॉक्टरों की टीम को भी बुलाने की जरूर नहीं पड़ती।
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उक्त बातें शनिवार को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के सर्जन डॉ राकेश सोनी ने पत्रवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि घायल थाना प्रभारी के फेफड़े में गोली फंसी हुई थी। उन्हें सुपर स्पेशलिटी में भर्ती किया जाता तो यहां सीटी स्केन वगैरह कर तुरंत उपचार मुहैया कराया जा सकता था। ऑपरेशन में भी ज्यादा समय नहीं लगता। डॉक्टरों की टीम यहां मौजूद थी।
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सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कम खर्च में ही इलाज भी मिल जाता। उन्होंने कहा कि गोली लगने के बाद थाना प्रभारी को सुपर स्पेशलिटी में शिफ्ट किया जा सकता था। सीटी स्केन वगैरह की व्यवस्थाएं होने से तुरंत जांच से गोली की पॉजीशन का पता लग जाता। इसके अलावा इन्फेक्टेड एरिया भी इससे स्पष्ट हो जाता। हालांकि उन्हें यह मौका ही नहीं दिया गया। इससे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सकों का मनोबल गिरा है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ऐसे मामले आसानी से हैंडल किए जा सकते हैं। दो कार्डियक थोरेसिक सर्जन मौजूद हैं।