रीवा। प्रदेश में प्राइवेट सहित शासकीय अस्पतालों में आयुष्मान योजना के नाम पर हुए फर्जीवाड़े के उजागर होने के बाद हड़कंप मचा रहा। शासन स्तर से प्रदेश के हर जिलों में इसकी जांच कराई गई। कुछ जिलों में अस्पतालों के संबंध में रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए कार्यवाही की बात की गई तो कुछ ऐसे अस्पताल भी थे जहां की रिपोर्ट को जांच के बाद सार्वजनिक ही नहीं किया गया। इतना ही नहीं, विभागीय अधिकारियों तक को जानकारी नहीं दी गई कि जांच में आखिर क्या पाया गया। रीवा जिले में भी राजधानी से दो सदस्यीय जांच दल ने निरीक्षण किया था। सूत्रों की मानें तो रीवा के प्राइवेट अस्पतालों में भी आयुष्मान योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है, इसी आशंका पर टीम रीवा पहुंची और जांच की थी। टीम ने रिपोर्ट को गुप्त रखने व इसे शासन स्तर पर प्रस्तुत करने की बात कही थी, लेकिन कई माह बीतने को है इस संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्यवाही सामने नहीं आई। चर्चा है कि प्राइवेट अस्पताल संचालकों द्वारा कमियों को छुपाने टीम व शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों से सांठगांठ कर ली गई है, क्योंकि जब जांच टीम आई थी तो चर्चा थी कि रीवा के प्राइवेट अस्पतालों में भी मनमानी पाई गई है। विभागीय अधिकारी भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।
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nइन अस्पतालों में किया गया था निरीक्षण : जानकारी के मुताबिक बीते वर्ष जून माह में रीवा पहुंची टीम ने सबसे पहले रीवा हास्पिटल, विहान हॅस्पिटल फिर नेशनल हॉस्पिटल व विंध्या हास्पिटल का निरीक्षण किया। इसके अलावा टीम ने गुढ़ सीएचसी सहित अन्य जगहों पर निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार कर वापस लौट गई। जब टीम लौटी तो स्वास्थ्य केन्द्रों में अस्पतालों में बड़ी कार्यवाही होने की चर्चाएं जोरों पर रही, लेकिन बाद में सब ठंडे बस्ते में चला गया।
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ऐसे फर्जीवाड़ा आया था सामने : जानकारी के मुताबिक जिन अस्पतालों में फर्जीवाड़ा मिला था, वहां मरीजों को जनरल वार्ड के बजाय आईसीयू व एचडीयू में दर्ज करना, चिकित्सा पैकेज का दुरुपयोग, बिना लक्षण वाले मरीज भर्ती, लंबे समय तक रहना, गलत पैकेज का सिलेक्शन करना, मेडिकल पैकेज से सर्जरी करना, आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों की जेब से पैसा वसूलना, कई प्रकार के एक्स्ट्रा चार्ज के नाम पर मरीजों से पैसे वसूलने जैसी मनमानी सामने आई हैं। सूत्र बताते हैं कि रीवा के प्राइवेट अस्पतालों में भी ऐसी मनमानी मिली थी।