Another arbitrariness of Khaddi College Principal came to light, salary deducted even after completion of attendance: सीधी जिले के शासकीय कॉलेज खड्डी के प्रभारी प्राचार्य की मनमानी से वहां का स्टाफ परेशान है, प्राचार्य एक तो कभी कॉलेज जाते नहीं हैं और मनमानी कार्यवाही भी करते रहते हैं। अब खड्डी प्राचार्य की एक और मनमानी को लेकर शिकायत एडी उच्च शिक्षा से की गई है। शिकायत में मनमानी अतिथि विद्वान के वेतन में कटौती किए जाने की शिकायत की गई है। शिकायत में महिला अतिथि विद्वान ने बताया है कि वह मई माह में वह पूरे दिन कॉलेज गई और रजिस्टर में हाजरी भी भरी हुई है। वेतन पत्रक भी पूरे वर्किंग डे का बनाया गया लेकिन जब 20 जून को वेतन आया तो उसमें चार दिन की सैलरी कटी हुई थी। जिसके बाद जब जानकारी ली गई तो कहा गया कि जब जरूरत समझ में आएगी वेतन काटा जाएगा। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जाएगी। प्रभारी प्राचार्य डॉ.विनोद दुबे द्वारा मनमानी वेतन में कटौती कर दी गई।
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रीवा के अतिथि विद्धानों को करते हैं परेशान
शिकायत में बताया गया है कि प्रभारी प्राचार्य डॉ.विनोद दुबे द्वारा रीवा से जाने वाले अतिथि विद्वानों को परेशान किया जाता है। वह खुद कभी कॉलेज आते नहीं और मनमानी वेतन में कटौती कर दी जाती है। इसकी भी शिकायत अतिथि विद्वानों ने एडी उच्च शिक्षा से की है। प्राचार्य डॉ.विनोद दुबे द्वारा स्थानीय अतिथि विद्वान डॉ.अजय ङ्क्षसह गहरवार को अपनी पूरी जिम्मेदारी मौखिक रूप से दी गई है जो रीवा से जाने वाले सभी अतिथि विद्वानों को परेशान करते हैं। समय से ज्यादा समय तक कॉलेज में बैठाया जाता है।
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अब भी नहीं आते प्राचार्य
बता दें कि एडी उच्च शिक्षा से पूर्व में शिकायत कर बताया गया था कि प्राचार्य डॉ.विनोद दुबे कभी कॉलेज नहीं आते लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। एडी ने जांच के निर्देश दिए थे लेकिन लीड कॉलेज प्राचार्य ने अब तक रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत की जबकि दो दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। बताया गया कि शिकायत के बाद भी प्राचार्य डॉ.विनोद दुबे कभी कॉलेज नहीं आते हैं। हालांकि शिकायत के बाद असर यह हुआ कि मनमानी कॉलेज से गायब रहने वाला स्टॉफ अब आवेदन देने के बाद ही अवकाश पर जा रहे हैं।
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अतिथि विद्वान ने शिकायत की है, उसके वेतन में रजिस्टर में हस्ताक्षर होने के बाद व वेतन पत्रक बनने के बाद कटौती की है। यदि वह अनुपस्थित थीं तो नोटिस दिया जाना चाहिए। रजिस्टर में हस्ताक्षर के बाद वेतन में कटौती समझ से परे है। जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्यवाही होगी।
डॉ.आरपी सिंह, एडी उच्च शिक्षा रीवा संभाग।
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