Rewa Collector formed a team, now investigation will be done
रीवा। जिले में खरीफ वर्ष 2024 में फसलों की बोनी का कार्य प्रारंभ हो गया है। जिसको देखते हुए जिला कलेक्टर ने खाद की कालाबाजारी रोकने दल गठित कर दिया है। कृषकों को उत्तम गुणवत्ता का कृषि आदान सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड व अनुशंसित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग के प्रति जागरुकता के साथ उर्वरकों का औद्योगिक व गैर कृषि कार्यों में उपयोग कालाबाजारी, अवैध भंडारण, परिवहन रोकने हेतु स्तरीय दलों का गठन किया गया है।
इसमें जिला स्तरीय दल, अनुविभाग स्तरीय दल रीवा, अनुविभाग स्तरीय दल त्योंथर, अनुविभग मऊगंज व संबंधित विकासखंड दल का गठन हुआ है। जिला स्तरीय दल के प्रभारी डॉ. बी.पी. सिंह प्र. अनु.कृषि अधिकारी नियुक्त हुए हैं। साथ ही, इस दल में बतौर सदस्य ज्ञानेंद्र पांडेय मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहकारी बैंक, सदस्य शिखा सिंह वर्मा जिला विपणन अधिकारी, जिला स्तरीय निरीक्षक ए.के. पांडेय व विनीता सिंह कृषि विस्तार अधिकारी, संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय कृषि अधिकारी के साथ सहयोगी सदस्य क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी हैं।
पीओएस मशीन से होगा भौतिक सत्यापन
जिला, अनुविभाग व वि.ख. स्तरीय गठित दल द्वारा आई.एफ.एस.पोर्टल के अनुसार भंडारित उर्वरक का भौतिक सत्यापन पीओएस मशीन से मिलान करेंगे। निरीक्षण के दौरान कृषि आदान सामग्री की कालाबाजारी, अवैध भंडारण अवैध परिवाहन मिसब्रांड लायसेंस के बिना समग्री का विक्रय, लायसेंस में उल्लेखित कंपनी के अलावा अतिरिक्त पीसी के सामग्री विक्रय व निर्धारित दर से अधिक पर विक्रय पाये जाने की स्थिति में उर्वरक गुणनियंत्रण आदेश अधिनियम में प्रावधानों के तहत उनका विक्रय लायसेंस निरस्त करने व एफआईआर दर्ज करते हुए सख्त कार्यवाही की जायेगी।
खरीफ फसल की बोनी के लिए कृषि विभाग ने रकबा निर्धारित किया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कृ षि विभाग द्वारा अलग-अलग फसल बोनी के लिए रकबा बढ़ाया गया है। कृषि विभाग ने पिछले वर्ष की बोनी के अनुसार इस वर्ष का लक्ष्य तैयार किया है। नए सत्र में मोटे अनाज का रकबा 282.38 हजार हेक्टयर है वहीं दलहन में 61.55 हजार हेक्टयर है, साथ ही तिलहन में 15.47 हजार हेक्टयर रकबे में बढ़ोतरी की गई है। बताया गया कि मोटे अनाज में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा व कोदो कुटकी है, वहीं दलहन में उड़द, मूंग व अरहर के साथ साथ तिलहन में तिल, सोयाबीन व अन्य तिलहन शामिल हंै।