Naib Tehsildar, who obliged by giving fake reports of two nursing colleges, is standing in the chair: रीवा। प्रदेश के एक बड़े दैनिक अखबार ने लिखा कि राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने की खबरे आम तौर पर मिल जाती हैं, हालांकि बावजूद इसके इनको महत्वपूर्ण जांचो और कार्यवाहियों में शामिल कर दिया जाता है। प्रदेश स्तर से फर्जी नर्सिंग होमो की जांच हुई तो उसमें भी रीवा के राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार ने बड़ा खेल कर दिया। दो ऐसे नर्सिंग कॉलेजों की फर्जी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जो संचालन के नियमों को पूरा ही नहीं करते थे। जाहिर है ऐसा नायब तहसीलदार ने किस बात के लिए किया होगा, क्योंकि नर्सिंग कॉलेज की मान्यता खत्म होने से उन्हें और क्या समस्या हो सकती थी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला को नोटिस जारी किया तो राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया। लोग बड़ी कार्यवाही का कयास लगाने लगे, हालांकि ऐसा हुआ कुछ नहीं और अब तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही मामले को लेकर नहीं हुई है।
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कुर्सी में बैठ कर रहे सुनवाई
वहीं शासन द्वारा यतीश शुक्ला को लेकर जारी नोटिस के बाद कहा जा रहा है कि इतने बड़े मामले के बाद भी उनकी जिम्मेदारी से उनको अलग नहीं किया गया। वह कुर्सी में बैठकर रोजाना ही सुनवाई कर रहे हैं। बताया गया कि बीच में नोटिस जारी होते ही उनके द्वारा भोपाल की दौड़ शुरु कर दी गई। राजधानी में लगाई गई दौड़ में वह सफल हुए और अब उनमें कुछ राहत दिख रही। ऐसी चर्चाओं को इसलिए भी इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि स्थानीय निवासी होते हुए भी यतीश शुक्ला कई वर्षो से इस बड़े पद की जिम्मेदारी संभालते हुए रीवा में ही डटे हुए हैं। जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि स्थानीयत सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण इन्हें प्राप्त है। वैसे भी प्रदेश सरकार के मंत्री का रिश्तेदार होने की अफवाह उनको लेकर उड़ी हुई है।
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विकलांगता प्रमाण पत्र को लेकर चर्चा
वहीं शासन से नोटिस जारी होने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला को लेकर हो रही हैं, उनको लेकर व्यांगत्मक बाते भी की जा रही हैं, कहा जा रहा है कि उन्होंशे आंख की विकलांगता संबंधी प्रमाण पत्र अपनी नोकरी के लिए लगा रखा है लेकिन इसके बाद भी उनको इतनी गंभीर जांचो की जिम्मेदारी दी गई है, जिसने खुद कहा है कि उनकी आंखे कमजोर हैं वह कैसे फर्जीवाड़ो को कागज में पकड़ पाएगा। चर्चा यह भी है कि इन्हें सुनवाई जैसे प्रकरणों की जिम्मेदारी से दूर रखने के आदेश है लेकिन फिर भी वह सुनवाई करते हैं।
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कार्यप्रणाली से परेशान लोग
बता दें कि तहसील में नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला की कार्यप्रणाली से लोग परेशान हैं, अपने मामलो को लेकर आने वाले लोग उन पर एकतर्फा कार्यवाही का आरोप लगाते मिल ही जाते हैं। हालंाकि यह जांच का विषय है और इस जांच का इंतजार लोग लंबे समय से कर रहे हैं लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है या फिर वह जानकर अंजान बने हुए हैं। जिससे यतीश शुक्ला कई वर्षो से रीवा में नायब तहसीलदार की कुर्सी पर डटे हुए हैं।
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