From where BSP had won for the first time, Lutiya drownedरीवा। 18 वीं लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद स्थिति साफ हो गई कि विंध्य में भाजपा और कांग्रेस ही मुख्य दल हैं। यहां तक कि तीसरा प्रमुख दल बसपा भी अब हासिए में चला गया है। बसपा इस बार रीवा संसदीय क्षेत्र में महज 12.86 प्रतिशत मत ही हासिल कर पायी है। वह अपनी जमानत बचाने में भी सफल नहीं हो पायी। हालांकि गत चुनाव की तुलना में इस बार 4 फीसदी वोटों का इजाफा हुआ है। गत चुनाव में बसपा को महज 8.9 प्रतिशत वोट ही मिले थे। यहां अहम पहलू यह है कि देश में पहली बार जिस लोकसभा सीट से बसपा को जीत मिली थी 35 साल बाद उसी लोकसभा सीट में बसपा की लुटिया डूब गई।
हम पिछले 4 लोकसभा चुनावों के संदर्भ में बात करें तो 2009 में बसपा को जीत तो मिली थी लेकिन उसके बाद से बसपा का ग्राफ गिरने लगा है। अब तो बसपा भी वोटकटवा की श्रेणी में हो गई है। 2014 के लोकसभा चुनाव से बसपा का जनाधार घटने लगा है। 2013 के विधान सभा चुनाव में 4 विधासभा क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो शेष 4 विधानसभा क्षेत्रों बसपा लड़ाई में ही नहीं थी। लोकसभा चुनाव में तो वह हर विधानसभा में कमजोर नजर आयी। इससे प्रतीत होता है कि अब बसपा का अंडर करंट समाप्त हो रहा है। इस लोकसभा चुनाव में तो बसपा पूरे से ही बाहर हो गई।
हम विधानसभा चुनावों के संदर्भ में बात करें तो रीवा जिले में 2014 के विधानसभा चुनाव मेें बसपा का पांच फीसदी जनाधार घटा है लेकिन लोकसभा चुनाव में 12 प्रतिशत जनाधार घटा है। पिछले तीन विस चुनावों में मिले मत प्रतिशत का विश्लेषण करें तो 2008 के विधानसभा चुनाव में बसपा 19.21 प्रतिशत मत हासिल कर दो विधान सभा सीटों सिरमौर और सेमरिया में जीत हासिल की थी। वर्ष 2013 के चुनाव में बसपा का पिछले चुनाव की तुलना में जनाधार बढ़ा था।
उसे 22.50 प्रतिशत मत मिले थे लेकिन जीत केवल एक ही सीट में मिली थी। विंध्य की बात करें तो इस चुनाव में बसपा का जनाधार गत चुनाव की तुलना में 3 प्रतिशत बढ़ा है। वह भी सतना में नारायण त्रिपाठी के बहुजन की टिकट पर चुनाव लडऩे के कारण हुआ है। सतना में गत चुनाव की तुलना में बसपा को दुगुना वोट मिले। 2018 के बाद हुए चुनावों में बसपा को जीत मिली ही नहीं। वैसे माना यह जाता था कि जहां-जहां बसपा का जनाधार कम होता है, वहां कांग्रेस को लाभ मिलता है, लेकिन पिछले विस चुनाव में न ही लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को लाभ मिल सका। बसपा के वोटों का भाजपा की ओर धु्रवीकरण हो गया।
संभाग में ऐसे गिरा बसपा का ग्राफ
लोस 2009 2014 2019 2024
रीवा 28.49 21.43 8.9 12.89
सतना 28.84 13.84 9.7 17.51
सीधी 7.15 4.05 2.07 2.93
शहडोल 4.25 2.05 1.66 1.89
औसत 17.18 10.34 5.58 8.80