SGMH management is not able to provide last care even after the death of the patient:रीवा। संजय गांधी अस्पताल के मर्चुरी में 8 फ्रीजर हैं। इनमें से 6 खराब हंै। ऐसे में शव को रखने के लिए यहां पर पर्याप्त फ्रीजर नहीं हैं। अब हालात यह है कि शव को सडऩे से बचाने के लिए परिजनों को बाहर से फ्रीजर तक लाना पड़ रहा है। हालांकि फ्रीजर को बनाने के लिए बाहर से इंजीनियर आते हैं। इसकी सूचना कंपनी को दी गई है। शुक्रवार को इंजीनियर पहुंच जाएंगे।
संजय गांधी अस्पताल में कैजुअलटी और फोरेंसिक विभाग के बीच तालमेल ठीक नहीं चल रहा है। इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। मर्चुरी फारेंसिक विभाग के अंडर में है। ऐसे में यहां लगे डीप फ्रीजर की स्थिति की जानकारी से प्रबंधन को अवगत कराने की जिम्मेदारी भी फारेंसिक विभाग की है। दोनों विभागों के बीच तालमेल नहीं बैठा। इसके कारण समय पर खराब डीप फ्रीजर को सुधारा नहीं जा सका। मर्चुरी में 8 शव रखने के लिए फ्रीजर हैं। इनमें से सिर्फ 2 ही चालू हालत में है। इस समय गर्मी ज्यादा पड़ रही है।
ऐसे में पीएम के लिए पहुंचने वाले शवों को सडऩे से बचाने के लिए फ्रीजर की अत्यंत आवश्यकता पड़ रही है। दो फ्रीज पहले से ही फुल थे। तभी एक और शव पीएम के लिए पहुचं गया। इस शव को खराब होने से बचाने के लिए फ्रीजर ही कम पड़ गया। इसके कारण परिजनों ने बाहर से फ्रीजर की व्यवस्था की और मर्चुरी लेकर पहुंच गए। इसके बाद ही हल्ला मचा तो सभी एक्टिव हुए। डीन से लेकर अधीक्षक तक ने मुस्तैदी दिखाई और इंजीनियर से संपर्क किया गया। शुक्रवार तक फ्रीजर को दुरुस्त करने के लिए इंजीनियर पहुंच जाएंगे। इसके बाद फ्रीजर की समस्या खत्म हो जाएगी।
मर्चुरी में 8 फ्रीजर हैं। यह लगातार चलते हैं। इसी वजह से इनके खराब होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है। पीएम के लिए मर्चुरी में शव भी ज्यादा संख्या में पहुंच रहे हैं। एक्सीडेंट मामले बढ़ रहे हैं। हर दिन आधा दर्जन शव पीएम के लिए पहुंच ही जाते हैं। ऐसे में कई पुलिस प्रकरण से जुड़े शव भी आते हैं। इन्हें संजय गांधी अस्पताल में ही रखा जाता है। लगातार चलने से इनमें खराबी आई है । इंजीनियर बाहर से आते हैं। इसके कारण भी इनके सुधार में समय लग रहा है।
मृतिका प्रिया शुक्ला के परिजन अस्पताल में फ्रीजर लेकर पहुंचे। परिजनों ने कहा कि पीएम हो नहीं रहा है और अस्पताल के सभी फ्रीजर खराब हैं। इसलिए उन्हें किराए पर फ्रीजर लेकर आना पड़ा। उन्होंने कहा कि फ्रीजर लेकर नहीं आते तो शव दुर्गंध मारने लागता। दो फ्रीजर चालू हालत में है। इनके शव पहले से ही रखे हुए थे। अन्य खराब हो गए थे। इसकी जानकारी फारेंसिक विभाग को थी लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इसके कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई।
लगातार फ्रीजर चलते रहते हैं। इसमें से कुछ खराब हो गए हैं। इंजीनियर को सूचना दी गई है। शुक्रवार को इंजीनियर पहुंच जाएंगे। फ्रीजर सुधार लिया जाएगा।
डॉ राहुल मिश्रा
अधीक्षक, संजय गांधी अस्पताल रीवा