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The bones of the young man who fell from the elephant were broken into many pieces, Dr. Dinesh Kumar and his team joined them in 6 hours:
– एसजीएमएच में एक बार फिर चिकित्सकों ने की जटिल सर्जरी
हाथी से नीचे गिरने से युवक की टूट गई थी कूल्हे की हड्डी, 6 घंटे आपरेशन कर किया स्वस्थ्य
– पहले कर दिया था ऐसे मामलो में रेफर, अब चिकित्सक यहीं कर रहे ईलाज
रीवा। एसजीएमएच के अस्थि रोग विभाग में अब मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है। यहां पदस्थ्य चिकित्सक जटिल सर्जरी कर मरीजों को स्वस्थ्य कर रहे हैं। एक बार फिर एसजीएमएच के अस्थि रोग विभाग में चिकित्सकों ने 6 घंटे तक जटिल सर्जरी कर मरीज को पूरी तरह से स्वस्थ्य कर दिया। जानकारी के मुताबिक सीधी जिले मझौली के रहने वाले 33 वर्षीय रामराज बैगा बीते 2 मई को एसजीएमएच ओपीडी में पहुंचा। जहां मरीज को एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीनेश कुमार मीना ने देखा। उनकी देखरेख में मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया।
सभी आवाश्यक जांचे कराई गई जिसके बाद बता चला कि मरीज के पेलविस एडं एक्टाबुलम हड्डी में फैक्चर है। आम तौर पर इस तरह के मामलो में अभी तक मरीजों को रेफर कर दिया जाता था लेकिन चिकित्सक डॉ.दीनेश कुमार द्वारा सर्जरी करने की बात कही गई। सर्जरी के बाद अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है। बता दें कि इस प्रकार की जटिल सर्जरी होने से मरीजों को राहत मिल रही है और उन्हें बाहरी राज्यों में ईलाज के लिए नहीं जाना पड़ रहा है। जो एसजीएमएच के अस्थि रोग विभाग की एक बड़ी उपलब्धि है।
6 घंटे चला आपरेशन
चिकित्सकों ने बताया कि यह एक जटिल सर्जरी थी, जिसमें हड्डी के कई टुकड़े हो गए थे, इसे एक साथ इकठ्ठा किया गया। जिससे इस सर्र्जरी में समय लगा और यह सर्जरी करीब 6 घंटे तक चली। डॉ.दिनेश कुमार ने बताया कि डीन डॉ.सुशील अग्रवाल और अधीक्षक डॉ.राहुल मिश्रा का विशेष योगदान रहा। बताया गया कि मरीज का ईलाज पूरी तरह से निशुल्क आयुष्मान योजना के तहत किया गया। बताया गया कि मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
टीम में यह रहे शामिल
एसजीएमएच में हुई इस जटिल सर्जरी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.दिनेश कुमार मीना, डॉ.राजकुमार, डॉ.कमेश सहित एनेस्थिसिया विभाग के चिकित्सकों का विशेष योगदान रहा।
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हाथी से नीचे गिर जाने से मरीज के पेलविस एडं एक्टाबुलम बोन में फैक्चर हो गया था, जिसे सर्जरी कर ठीक किय गया। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
डॉ.दिनेश कुमार मीना, एसोसिएट प्रोफेसर अस्थि रोग विभाग।
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