Municipal councilor exposed, officials shocked:रीवा। कॉलेज चौराहे के पास आकाशवाणी कॉलोनी एवं दूरसंचार केन्द्र के सामने से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन एवं नगर निगम का अतिक्रमण उडऩदस्ता सड़क पर उतरा और यातायात पुलिस के सहयोग से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। यहां पर किये गये अतिक्रमण के कारण यातायात में बाधा पहुंचती थी। अतिक्रमण हटाने के दौरान कई पूर्व पार्षदों द्वारा रोकने का प्रयास किया गया लेकिन किसी की सिफारिश काम नहीं आई। एक तरफ से सभी को कॉलेज चौराहे से हट जाने के लिए कह दिया गया। यहां पर जितनी भी गुमटियां रखी हुई थी सबने अंदर पक्का फर्श बना लिया जिसे जेसीबी से तोड़ दिया गया है।
सभी को तीन दिन का समय गुमटियों को हटाने के लिए दिया गया है। इस अवधि में जो भी अपनी गुमटियां नहीं हटाएंगे उन्हें जेसीबी से तोड़ दिया जाएगा। कॉलेज चौराहे के पास अतिक्रमण हटाने के दौरान कई चीजों का खुलासा भी हुआ। यहां पर कई लोगों ने अपने प्रभाव के चलते गुमटियां रखकर किराये से दे रखा था। इतना ही नहीं कार्यवाही के दौरान कुछ ऐसी भी गुमटियां भी सामने आई है जो बंद थी और उनके बाहर लिखा था कि किराये से देना है। इस तरह की गुमटियों को जब्त कर लिया गया है। उक्त कार्यवाही का उद्देश्य मुख्य मार्ग में किये गये अतिक्रमण को हटाकर यातायात को बहाल करना था। कॉलेज चौराहा के आसपास सैकड़ों की संख्या में दुकानों, गुमटियों का जमावड़ा बना लिया गया था जिसके कारण यातायात अवरूद्ध होता था।
आवागमन प्रभावित होने की शिकायतें आये दिन नगर निगम में की जाती थी। जिला प्रशासन तथा नगर निगम अमले द्वारा पुलिस प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही में नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला, नगर निगम कार्यपालन यंत्री एचके त्रिपाठी, यातायात टीआई अखिलेश कुशवाहा, सहायक यंत्री अम्ब्ररीश सिंह, नगर निगम के अतिक्रमण प्रभारी रावेन्द्र शुक्ला, सुखेन्द्र चतुर्वेदी, ज्ञानेन्द्र द्विवेदी के साथ पुलिस बल एवं अतिक्रमण अमला मौजूद रहा।
वहीं सूत्रों की माने तो इस अतिक्रमण में बड़ा रोल वार्ड 7 के पार्षद का था, उनके द्वारा स्वयं साची दुकान के बगल में बड़े एरिया में कब्जा जमाया हुआ था, जिसके एवज में कई हजार किराया भी वसूला जा रहा था। हालांकि इन चर्चाओं में कितनी सत्यता है यह तो निगम अधिकारी ही बताएंगे लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान यह बाते सामने आती रही। वहीं शोसल मीडिया में भी यह जानकारी सामने आई। बता दें कि सत्ताधारी नेताओं के इशारे में यह माफिया सरकारी जमीनों में कब्जा कर मोटी कमाई करते है और बदले में उनके पीछे नारेबाजी करते हुए दिखाई देते हैं। खुद को इनका खास बताकर अधिकारियों पर भी धौंस दिखाने से पीछे नहीं हटते।
गुमटी माफिया की खुल गई पोल
कॉलेज चौराहे के पास अतिक्रमण हटाने के दौरान गुमटी माफिया की भी पोल खुल गई है। यहां कई रसूखदार लोग गुमटियां रख कर किराये पर चला रहे थे। उन्हें हटाने के दौरान ऐसे लोगों ने कार्यवाही को प्रभावित करने का प्रयास किया। तीन गुमटियां ऐसी पाई गई जो बंद थी और उनमें लिखा था कि किराये पर देना है। इन्हें जब्त करके नगर निगम कार्यालय में ले जाकर रखा गया है। लगभग सभी दुकानों में बिजली के कनेक्शन है और तो और इनमें बाकायदा मीटर भी लगे हुए हैं। अब सवाल यह उठता है कि बिजली विभाग द्वारा इस अतिक्रमित स्थान पर बिजली का कनेक्शन कैसे और किस आधार पर दिया गया इसकी भी जांच होनी चाहिए।