जीवन की हर बाधा पार करनी है, दुख से भरे संसार में सदा मुस्कुराना है तो भगवान के भक्त बन जाओ। भगवान का भक्त रोता नहीं सदा मुस्कुराता है। महात्मा भगवान के प्रेम में डूबकर सदा आनंद से मुस्कुराते रहते हैं। उक्त उद्गार बाघेश्वरधाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने पनागर में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ से व्यक्त किए। उन्होंने गोकर्ण-धुंधकारी कथा प्रसंग के माध्यम से बताया कि भगवान का भक्त बनने के बाद कोई कभी रोता नहीं है वरन सदा मुस्कुराता रहता है। सुमधुर कथा व्याख्या से उन्होंने भक्ति सागर में श्रद्धालुओं को ऐसी डुबकी लगवाई कि वे मंत्र मुग्ध हो गए। रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे। धुंधकारी की कथा के माध्यम से कहा कि भागवत कथा जीवित व्यक्ति को तो मुक्ति का मार्ग दिखाती ही है, अगर किसी की मृत्यु के बाद भी उसके नाम पर कोई कथा सुनवा दे, तो भी दिवंगत आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। जबलपुर ऋषि जाबालि के नाम पर प्रसिद्ध है, संस्कारों की धानी है। यहां रह कर भी संस्कार न निखरे तो ये दुर्भाग्य है।
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ज्ञान लघु-भक्ति विराट
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ज्ञान और भक्ति में अंतर बताते हुए वे बोले ज्ञान लघु है, भक्ति विराट है। ज्ञान के होने से स्व का अभिमान बना रहता है। अभिमान में द्ममैंद्य होता है और भक्ति में तू। सब कुछ तुमसे, सब कुछ तेरा। लेकिन जहां न ज्ञान होता न भक्ति ,वहां तू-मैं, तू-मैं होता रहता है
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ठाकुरजी का दीवाना
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कभी खुद से पूछो कि मैं ठाकुरजी का दीवाना हूं या नहीं। हृदय में प्रेम होगा तो गाएगा कि तेरी बांकी अदा ने ओ सांवरे हमें पागल दीवाना बना दिया। कथा उससे सुननी चाहिए जो विरक्त, वैष्णव, ब्राह्मण, भगवान का उपासक, वीर, गंभीर हो और लालची न हो। ऐसे वक्ता से भगवान की कथा सुनने से ही भागवत का फल प्राप्त होता है।
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विद्युत वितरण कम्पनी की चाक-चौबंद व्यवस्था
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कार्यक्रम स्थल तथा निजी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित विश्राम स्थल पर निर्बाध आपूर्ति के लिए मप्र विद्युत वितरण कम्पनी ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है। कंपनी के मुख्य अभियंता अरविंद चौबे ने बताया कि दोनों स्थलों के लिए आयोजकों को 30 -30 किलोवॉट के दो अस्थाई कनेक्शन जारी गए हैं। सप्लाई 200 एमवीए के तीन अलग-अलग ट्रांसफार्मरों से की जा रही है। शिफ्टवार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
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