अपराधों पर अंकुश लगाने और पुलिस के मुखबिर तंत्र को मजबूत बनाने के लिए शहरी और ग्रामीण थाना क्षेत्रों में फिर से बीट सिस्टम शुरू होगा। तीन शिफ्ट में पुलिस अधिकारियों और जवानों की तैनाती होगी। इससे पुलिस के अधिकारी और जवान 24 घंटे थाना क्षेत्र के गली-मोहल्लों और कॉलोनियों में नजर आएंगे। थाना क्षेत्र में अपराधों के ग्राफ और भौगोलिक स्थिति के आधार पर बीट का निर्धारण होगा। शहर के थानों में न्यूनतम दो से चार और देहात के थानों में पांच से छह बीट होंगी।
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बीट प्रणाली में बीट प्रभारी और उनकी टीम सीधे जनता से सम्पर्क में होती है। कोई परेशानी होने पर बीट क्षेत्र के लोग सीधे बीट प्रभारी को परेशानी बताते हैं। ऐसे में कई बार पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। मुखबिर तंत्र भी मजबूत होता है।
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अभी ये है व्यवस्था- वर्तमान में थानों में चीता, मोबाइल और पेट्रोलिंग वाहनों में पुलिस अधिकारियों और जवानों की तैनाती की गई है। ऐसे में ये अधिकारी और जवान थाना क्षेत्रों में भ्रमण करते हैं या फिक्स प्वॉइंट लगाकर खड़े हो जाते हैं।
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ये होगा फायदा
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● बीट में लगातार पुलिस का मूवमेंट रहेगा
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● बीट क्षेत्र के अपराधियों, संदिग्धों की जानकारी रहेगी अपडेट
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● किराएदारों और मकान मालिकों की हो सकेगी जांच
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ऐसी होगी बीट
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● हवलदार और एसआई होंगे प्रभारी
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● बीट क्षेत्र में प्रभारी, अन्य के मोबाइल नंबरों के बोर्ड लगाए जाएंगे
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● आम जनता से रोज सम्पर्क करेंगे बीट प्रभारी और जवान
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● बीट में होने वाले अपराधों में सीधे तय होगी जिम्मेदारी
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पुलिसिंग को सुदृढ़ बनाने और हर क्षेत्र में पुलिस का मूवमेंट बढ़ाने के लिए बीट प्रणाली कारगर है। इसे फिर शुरू किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों को थानों और पूर्व की बीटों की समीक्षा कर बीटों का निर्धारण करने के निर्देश दिए हैं।
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तुषारकांत विद्यार्थी, एसपी, जबलपुर