Corporation Chairman is taking facilities from public money, hence recovery is being done
रीवा। भाजपा नेताओं ने शहर में हो रही कार्यवाहियों का जिम्मेदार महापौर अजय मिश्रा बाबा और शहर सरकार को ठहराते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसको लेकर अब कांग्रेसियों द्वारा भाजपाइयों पर पलटवार किया जा रहा है। मेयर इन काउंसिल के सदस्य रवि शंकर तिवारी ने कहा कि भाजपाई महापौर की बढ़ती लोकप्रियता को देख बौखला गए हैं, उन्हें इस बात का ज्ञान तो है नहीं कि जिन नियम कानून से जनता के प्रताडऩा की बात वह कह रहे हैं, वह उनके ही भाजपा सरकार द्वारा लाए गए हैं। नई विज्ञापन नीति वर्ष 2017 में आई, तब उनकी ही सरकार प्रदेश में भी और महापौर व निगम अध्यक्ष भी भाजपा के नगर निगम में थे।
कांग्रेस ने इसका विरोध भी किया लेकिन मनमानी जनता पर इस बोझ को लाद दिया गया। भाजपाई अपने आका की बात पर बयान तो जारी कर देते हैं लेकिन उनको पहले नियम कानून की जानकारी ले लेनी चाहिए। क्योंकि जनता उनके इस प्रकार के बयानों का मखौल उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि जनता के द्वारा टैक्स के रूप में दी जाने वाली खून पसीने की कमाई का बेवजह खर्च उनके निगम अध्यक्ष ही कर रहे हैं।
महापौर ने तो पद संभालते ही स्पष्ट मना किया था कि टैक्स के रुपए जनता के हैं और उन्हें जनता के रुपए खर्च कराकर अपने लिए कोई सुविधाएं नहीं लेनी हैं। लेकिन निगम अध्यक्ष वाहन सहित अन्य सभी सुविधाएं ले रहे हैं, जबकि निमयों के अनुसार वह इसके पात्र भी नहीं हैं। ऐसे में जनता खुद इस बात का अंदाजा खुद लगा रही है कि किसके इशारे पर यह कार्यवाइयां हो रही हैं और जनता से वसूली की जा रही है।
जाहिर है कि जिन्हें निगम की सुविधाएं लेनी हैं और निगम की सुविधा जनता के खून पसीने की कमाई से ही मिलती है। उन्होंने कहा कि नगर निगम का महापौर अजय मिश्रा बाबा ही नहीं बल्कि रीवा शहर की पूरी जनता है और रीवा शहर की जनता ही निगम के निर्णय लेती है। आमजन से पूछा जा सकता है कि क्या उन्होंने खुद को प्रताडि़त करने के लिए ऐसा कोई निर्णय लिया। जनता के बीच भाजपाइयों को जाना चाहिए और उनकी प्रतिक्रिया लेनी चाहिए इसके बाद ही कोई आरोप लगाने चाहिए।