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रीवा। 761 दिन बाद टीएचपी की यूनिट नंबर तीन से उत्पादन शुरू हो गया है। यूनिट को ट्रायल के बाद उत्पादन में डाल दिया गया है। इस यूनिट से अब हर दिन 25 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। ट यह यूनिट 14 जून 2020 को अचानक स्टेटर अर्थ फॉल्ट और जनरेटर के क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद हो गई थी। इस यूनिट ने बंद होने के पूर्व 14 मार्च 1992 से लगातार 28 वर्षों तक बिजली उत्पादन किया था। टोंस जल विद्युत गृह की यूनिट नंबर तीन को पुन: क्रियाशील करने की उपलब्धि के लिए मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव उर्जा संजय दुबे, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह व डायरेक्टर कॉमर्शियल प्रतीश कुमार दुबे ने यूनिट की केपिटल ओवर हॉलिंग कार्य से संबद्ध सभी इंजीनियरों व तकनीकी कार्मिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यूनिट का पुन: सिंक्रोनाइज होना काम करने की जिद का सुपरिणाम है।
बीएचईएल के विशेषज्ञों ने ओव्हर हॉलिंग की
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने 17 जून 2020 को टोंस जल विद्युत गृह की यूनिट नंबर तीन में तकनीकी खराबी आने के बाद इसकी मरम्मत करने के लिए यूनिट के निर्माता, प्रदायकर्ता व स्थापित करने वाली कंपनी बीएचईएल को निरीक्षण हेतु बुलाया गया। बीएचईएल से ही केपिटल ओवर हॉलिंग करवाई गई। पावर जनरेटिंग कंपनी के इंजीनियरों का विश्वास भी था और जिद भी थी कि इस यूनिट को सुधार कर पुन: बिजली उत्पादन किया जा सकता है। पावर जनरेटिंग कंपनी ने यूनिट की केपिटल ओवर हॉलिंग बीएचईएल से ही करवाने का निर्णय लिया गया। बीएचईएल ने इसे तैयार करने में दो साल लगा दिए।
अब 25 साल तक बेधड़क दौड़ सकेगी
यूनिट नंबर तीन की ओवर हॉलिंग में लगभग दो वर्ष का समय लगा। जनरेटर की रिवाइडिंग की गई। इतना समय सभी के लिए धैर्य की परीक्षा वाला रहा, लेकिन जैसे ही यूनिट 13 जुलाई को देर रात सिंक्रोनाइज हुई सभी के चेहरे खिल उठे। केपिटल ओवर हॉलिंग होने के कारण टोंस जल विद्युत गृह की 105 मेगावाट क्षमता की इस यूनिट ने लगभग नई यूनिट का रूप ले लिया। संभावना व्यक्त की गई यह यूनिट आगामी 25 वर्षों के लिए पूर्ण क्षमता से बिजली उत्पादन के लिए उपलब्ध रहेगी।