रीवा/सतना। मेडिकल कॉलेज को एक और देह दान में मिली है। बता दे कि हाल ही में एक देहदान मेडिकल में हुआ था जिसके बाद जिला सतना निवासी ही परिवार ने देह दान किया है। जानकारी के मुताबिक यह देह रामकरण सिंह पुत्र विश्वेशर सिंह निवासी ग्राम बछरा पोस्ट मौहरी जिला सतना की है। मंगलवार को उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ा और 87 वर्ष की उम्र में उनकी मौत हो गई। जिसके बाद उनकी इक्षा के अनुसार भाई भैयालाल सिंह व पुत्र लाल बहादुर सिंह, राज बबहादुर, आनंद बहादुर व दामाद एपी सिंह द्वारा सभी फॉर्मेलिटी कर देह को मेडिकल कॉलेज के सुपुर्द किया। देह को परिवार जनों से एनाटॉमी विभाग की डॉ मेघना मिश्रा द्वारा प्राप्त किया गया। डॉ मेघना मिश्रा ने बताया कि गत 25 मई 2017 को देहदान का संकल्प रामकरण सिंह द्वारा लिया गया था एवं उनके द्वारा परिवार की सहमति से देहदान किया गया, उनकी मौत के बाद परिजनो ने बुधवार को देह मेडिकल कॉलेज को सौंपी। बता दें कि इस देह का लाभ मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में मिलेगा। वह इसमें प्रैक्टिकल कर सकेंगे। सेवानिवृत्त स्कूल प्राचार्य रामकरण सिंह ने 40 साल तक सतना जिले के विद्यालयों में अपनी सेवा दी, उनके द्वारा बच्चो को शिक्षा दी गई। मृत्यु के बाद भी उनकी देह शिक्षा की अलख जगाएगी। अब उनकी देह का उपयोग मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में किया जाएगा।
उनके दामाद एसपी सिंह ने बताया कि उनका शिक्षा के प्रति बड़ा प्रेम था, हमेशा ही शिक्षा के क्षेत्र के विस्तार के लिए उन्होंने प्रयास किया। घर मे 3 बेटो सहित बेटी को भी उस जमाने मे उच्च शिक्षा दी जब लोंग पढ़ाई के लिए आगे नही आते थे। वह खुद आज से 50 वर्ष पूर्व M.SC. MATHMATICS की पढ़ाई उत्तीर्ण किये हुए थे। इसके अलावा उनके परिवार में सभी उच्च शिक्षित व उच्च श्रेणी पदों पर कार्यरत हैं। बता दें कि रामकरण सिंह सतना जिले के 5वें दधीचि हैं। सबसे पहले 2012 में सतना जिले से देहदान हुआ था, जिसमे राधेमोहन ने देहदान किया था, इसके बाद 2013 में सूर्य प्रकाश गौतम, 2018 में दयाराम कापड़ी व 2021 में राजबली सिंह ने देहदान किया था। इसके बाद 5वें रामकरण सिंह हैं। इस देहदान के बाद मेडिकल कॉलेज के पास 12 सुरक्षित देह छात्रों की पढ़ाई के लिए हो गई हैं। बता दें कि एनाटॉमी विभाग के एचओडी डॉ पीजी खानवालकर के मार्गदर्शन में एनाटॉमी विभाग का संचालन किया जा रहा है, उनके प्रयासों से कई देह मेडिकल कॉलेज को दान मिली हैं, जिसका लाभ छात्र ले रहे हैं। उनके व विभाग की डॉ मेघना मिश्रा के सहयोग से छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही हैं।