रीवा। स्कूल शिक्षा विभाग में हुए अब तक के सबसे बड़े घोटाले की आंच भोपाल तक पहुंच गई है। पीएस के निर्देश पर आयुक्त लोक शिक्षण ने जांच बैठा दी है। चार सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। 4.41 करोड़ के घोटाले की जांच करने टीम रीवा आएगी। पांच दिन रुककर पांच साल तक के रिकार्ड चेक करेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग में हुए घोटाले ने सब को चौंका दिया था। अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को अनुदान राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा किया था। महालेखाकार ग्वायिर की ऑडिट में आपत्ति सामने आई थी। वर्ष 2018 से 2019 के बीच में सिर्फ 70.67 लाख गबन की आपत्ति आई थी। जब तत्कालीन कलेक्टर ने मामले की स्थानीय स्तर पर टीम बनाकर जांच कराई तो यह महाघोटाला बन कर सामने आया था। अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के एरियर और वेतन घोटाले में ही 2 करोड़ 18 लाख 39 हजार 901 रुपए का गबन मिला था। इसके अलावा कई स्कूलों को बिना सामानों की सप्लाई के ही बिल बाउचर पास करा लिए। इससे करीब 2 करोड़ 23 लाख का गबन किया गया। इस फर्जीवाड़ा में करीब 24 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अब इसी मामले में पीएस के निर्देश पर भोपाल से जांच बैठा दी गई है। आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल ने आदेश क्रमांक/ वित्त-अ/ जांच/ रीवा/ 2021-22/ 16 के तहत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
कलेक्टर की जांच से हरकत में आया शासन
जांच में कलेक्टर की जांच और गबन का जिक्र किया गया है। तत्कालीन कलेक्टर ने जांच प्रतिवेदन शासन को भेज दिया था। यही वजह है कि आयुक्त ने जांच में कलेक्टर की जांच का भी जिक्र किया है। आदेश में कहा गया है कि जिला कलेक्टर रीवा के द्वारा जांच प्रतिवेदन में अनुदान संबंधी एवं भंडार सामग्री संबंधी वित्तीय अनियमितताएं एवं गबन का प्रकरण उद्भूत हुआ है। प्रकरण में शासन स्तर से जांच की कार्यवाही किए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव ने दिए हैं। इस जांच में आयुक्त लोक शिक्षण और राज्य शिक्षा केन्द्र के सदस्यों को शामिल किया गया है। जांच 9 मई से 13 मई तक चलेगी।
जांच दल में ये रहेंगे शामिल
जांच दल में चार सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से जय प्रकाश सोनकर सहायक लेखा अधिकारी राज्य शिक्षा केन्द्र, राजेश कुमार अहिरवार कनिष्ठ लेखा अधिकारी वित्त लोक शिक्षण, अवनेन्द्र सिंह कनिष्ठ लेखा अधिकारी वित्त लोक शिक्षण शामिल रहेंगे। इसके अलावा राजेश कुमार मौर्य उप संचालक वित्त को जांच कार्य का पर्यवेक्षक बनाया गया है।
इनकी भी जांच की जाएगी
अनुदान घोटाले के रिकार्ड खंगालने के अलावा टीम और भी कई जांच करेगी। आयुक्त लोक शिक्षण ने जांच टीम का विकासखंड शिक्षा अधिकारियों, संकुल प्राचार्य, उत्कृष्ट, समग्र एवं मॉडल प्राचार्य के अतिथि शिक्षक के मानदेय व अन्य वांछित अभिलेखों का भी निरीक्षण करेगी। .
पांच दिन रहेगी टीम
जांच टीम रीवा में पांच दिन रहेगी। 9 मई से 13 मई तक टीम उपस्थित रहकर वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्तमान तक के रिकार्ड की जांच करेगी। जिला शिक्षा अधिकारी रीवा को जांच के दौरान सदस्यों को परीक्षण के लिए वांछित अभिलेख उपलब्ध करानेके निर्देश जारी किए गए हैं। अंकेक्षण कार्य में सहयोग करने और समय पर सभी रिकार्ड प्रस्तुत करने के निर्देश आयुक्त ने दिए हैं।
कपटपूर्ण भुगतान आहरण की राशि और खातधारकों के नाम
वेंडर का नाम फर्जीखाताधारक राशि
सूर्यमणि विभाग शुक्ला 380581
रामरतन सुधीर तिवारी एवं अर्चना 247825
रामनारायण अतुल तिवारी/अरुण तिवारी 905750
कमलेश द्विवेदी कमलेश कुमार द्विवेदी 535098
श्रीनिवास उर्मिला प्रसाद चतुर्वेदी 1120273
कृष्ण कुमार सुषमा तिवारी 718357
रामसुरेश अशोक कुमार चतुर्वेदी 445471
संतोष कुमार अनिल शुक्ला 1122790
राम किशोर रामकृष्ण मिश्रा 935729
राघविन्द प्रसाद राधारमन द्विवेदी 870458
लालुआ कमलेश कुमार द्विवेदी 188827
विष्णु स्वाति तिवारी 138019
संतोष कुमार सुनील पाण्डेय 403872
कृष्ण कुमार सरोज पाण्डेय 725664
रमाकांत पाठक अंकित अग्रवाल 603568
अंकित तिवारी वीके अग्रवाल 414753
मिठाईलाल विजय अग्रवाल 712221
कृष्ण सेवक शर्मा सीमा तिवारी 826268
सुशील द्विवेदी कमलेश प्रसाद द्विवेदी 955779
अंकिता मिश्रा टे्र. अंकिता मिश्रा ट्रेडर्स 420149
रामसजीवन तिवारी — 740856
कल्लू सिंह सीमा द्विवेदी ग्राम मिडिला 743430
शेषमणि यादव — 417966
रामधारी सिंह आशा एवं आकांक्षा अग्रवाल 679139
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