कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर प्रतिभा पाल नेअधिकारियों को खुले बोरवेल बंद कराने के संबंध में निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जनपद के मुख्य कार्यपालनअधिकारी तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी सभी निजी और सरकारी बोरवेलों का सर्वेक्षण कराएं। अनुपयोगी तथाþ खुले बोरवेलों की सूची तीन दिवस में तैयार कर सभी खुले बोरवेल बंद कराएं। जिन बोरवेलों में क्रेसिंग पाइप लगाहुआ है उन्हें लोहे के कैप से बंद कराएं। जिन बोरवेलों में क्रेसिंग पाइप नहीं हैं उन्हें पूरी तरह से भरकर बोरिंगमशीन से फिलिंग कराकर ठीक से बंद कराएं। इसके बाद उनके मुहाने को कंक्रीट से बंद कराएं। एसडीएम हर बोरिंगमशीन द्वारा खुले बोरवेल की फिलिंग का प्रतिदिन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
कलेक्टर ने कहा कि सभी एसडीएम विकासखण्ड स्तर पर बैठक लेकर बोरवेल के संबंध में समुचित निर्देश
तत्काल जारी करें। इस संबंध में पूर्व में भी निर्देश दिए गए हैं। इनका पालन सुनिश्चित कराएं। अनुपयोगी बोरवेल
को बंद कराने की शत-प्रतिशत कार्यवाही 30 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से पूरी कराएं। ग्राम पंचायतवार तथा शहरी
क्षेत्र में निकायवार सर्वेक्षण करके बोरवेलों की सूची संधारित करें। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
एसडीएम, जनपद के सीईओ तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी सूची का स्वयं सत्यापन करें। कार्यपालन यंत्री पीएचई
अधीनस्थ अमले को इस संबंध में निर्देश देकर बोरवेलों को बंद कराने की कार्यवाही कराएं।
कलेक्टर ने कहा कि आगामी 15 दिनों तक कोई बोरिंग नहीं होगी। बोरिंग केवल पंजीकृत बोरिंग मशीनों
से कराने की अनुमति होगी। बोरिंग कराने से पहले नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत को अनुमति सहित सूचना
देना अनिवार्य होगा। सभी एसडीएम नलकूप खनन की अनुमति जारी करने के बाद उसकी सूचना संबंधित ग्राम
पंचायत तथा नगरीय निकाय को अवश्य दें।
बिना अनुमति यदि कहीं पर बोरिंग करते पाए जाएं तो प्रकरण दर्ज
कर कार्यवाही करें। किसी भी स्थिति में 30 अप्रैल के बाद अनुपयोगी बोरवेल खुला नहीं रहेगा। इस निर्देश का
उल्लंघन होने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। तय समय सीमा के बाद जिला स्तरीय टीम से बोरवेलों का सत्यापन
कराया जाएगा। जिला प्रबंधक लोकसेवा गारंटी जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन दल तथा कंट्रोल रूम से बोरवेलों के
सत्यापन की मॉनीटरिंग करें। आमजनता से भी यदि किसी अनुपयोगी बोरवेल के संबंध में सूचना मिलती है तो उसे
तत्काल बंद कराने की व्यवस्था करें।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे ने
अनुपयोगी बोरवेलों के संबंध में शासन के निर्देशों की जानकारी दी। बैठक में कार्यपालन यंत्री पीएचई संजय पाण्डेय
ने बताया कि विभागीय सर्वे के बाद 19401 अनुपयोगी बोरवेल चिन्हित किए गए थे। इनमें लोहे की कैप लगाकर
भलीभांति बंद किया गया है। बैठक में आयुक्त नगर निगम श्रीमती संस्कृति जैन, अपर कलेक्टर श्रीमती सपना
त्रिपाठी, सभी एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पीएचई के
अनुविभागीय अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।