182 years old tradition, Lord falls ill due to heat stroke in Rewa:रीवा। रीवा में बिछिया नदी के किनारे ऐतिहासिक लक्ष्मणबाग मंदिर स्थापित है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ स्वामी, बड़े दाऊ बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। यहां भगवान के बीमार होने की परम्परा आज भी कायम है। ज्येष्ठ माह में भगवान को लू लग जाती है, जिसके चलते भगवान जगन्नाथ पूर्णिमा तिथि को बीमार हो जाते है। अब अगले 16 दिन तक भगवान आराम करेंगे। इस अवधि में इन्हें औषधि और सादा भोजन दिया जायेगा।
बीमार होने की वजह से गत दिवस भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के मुकुट उतार दिए गए हैं। परम्परा के अनुसार भगवान का 108 घड़ों के शीतल जल से महास्नान कराया गया। बताया गया कि अब दो सप्ताह बाद रथयात्रा निकलनी है, जिसके एक दिन पहले भगवान स्वस्थ होंगे। फिर महास्नान के बाद भगवान का श्रृंगार होगा। तदुपरांत भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
182 वर्षों से चली आ रही परम्परा : उल्लेखनीय है कि लक्ष्मणबाग मंदिर की यह परम्परा पिछले 182 वर्षों से निरंतर चली आ रही है। तत्कालीन रीवा रियासत के महाराजा भाव सिंह ने लक्ष्मणबाग मंदिर का निर्माण कराकर पुरी की तर्ज में रथ यात्रा का शुभारंभ किया था, तब से अब तक हर वर्ष रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। बघेलखण्ड के महाराज रघुराज ङ्क्षसह के समय रथ को रस्से के सहारे हाथ से खींचने की परम्परा रही। अब ट्रैक्टर के सहारे भगवान का रथ नगर भ्रमण पर निकलता है। रथयात्रा के समय जगह-जगह विशेष आतिशबाजी व भव्य प्रसाद वितरण किया जाता है।