रीवा। मनुष्य को किसी प्रकार की तकलीफ होने पर वह जानकारी दे देते हैं लेकिन पशु बेजुबान होने के कारण वह अपनी पीड़ा बयां नही कर पाते। उनके पालक उनकी समस्या समझ पाए तो ठीक नही वह तहलीफ़ में ही रह जाते हैं, सही समय पर उनको सही उपचार न मिल पाने से उनकी मौत भी कई बार हो जाती है। शासन द्वारा बेजुबान पशुओं के स्वास्थ्य को लेके समय समय पर पशु
चिकित्सा विभाग के माध्यम से उपचार सुविधाओ के लिए विशेष अभियान चलाए जाते हैं। बेजुबान पशुओं को सहीं समय पर विशेष उपचार सुविधा दे उनकी जान बचाने का काम पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में हाल ही में सफल आपरेशन कर एक भैंस की जान चिकित्सकों ने बचाई है। इस संबंध में पशु चिकित्सा विभाग के डॉ.मनीष तिवारी ने बताया कि ग्राम चंद्रपुर सोहागी चाकघाट के किसान सर्वजीत सिंह अपनी समस्या लेकर आए, जिसके बाद डाक्टरों की टीम गांव पहुंची तो वहां पाया कि उनके 10 माह की गर्भवती भैंस के पेट में बच्चा फंसा हुआ था और वह दर्द से कराह रही थी। डॉ.मनीष तिवारी व उनके साथ डॉ.भूपेन्द्र मिश्रा ने तत्काल सर्जरी करने का निर्णय लिया। भूमि स्वामी की सहमति के बाद करीब दो घंटे तक चली इस सर्जरी में सफलता पूर्वक भैंस के बच्चे को निकाला गया। चिकित्सकों की माने तो भैंस के बच्चेदानी में बच्चे सहित गठान लग गई थी, जिसके बाद सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था। बता दे कि इस प्रकार की सर्जरी पूर्व में भी संयुक्त संचालक डॉ.राजेश मिश्रा के मार्गदर्शन में चिकित्सकों द्वारा की जा चुकी है। चिकित्सकों की माने तो कई दफा पशुपालक सही समय पर चिकित्सकों का परामर्श नही लेते जिसके चलते पशुओं की तकलीफ बढ़ जाती है। इसलिए सही समय पर उपचार पशुओं को मिल सके इसके लिए किसी प्रकार की समश्या होने पर नजदीकी पशु चिकित्सक से अस्पताल में जाके संपर्क करें ताकि सही समय पर सही परामर्श मिल सके।
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सफल सर्जरी के बाद खुश पशुपालक व उनका परिवार।