रीवा। दूसरे चरण का मतदान तो लगभग शांतिपूर्ण हुआ, लेकिन मतगणना के बाद उपद्रव शुरू हुआ जो दूसरे दिन भी चलता रहा। मतगणना दौरान कई जगह मारपीट हुई मतपत्र फाड़े जाने की घटना हुई और उस पोलिंग में रिपोलिंग कराए जाने का आदेश हुआ है। रायपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत अहिरगांव में अजीब तरह का मामला सामने आया है। हार से तिलमिलाए पूर्व सरपंच ने अपने कार्यकाल में दलित बस्ती के लिए बनाई गई डब्ल्यूबीएम सड़क को ट्रैक्टर से जुताई कर उखाड़ दिया। पूर्व सरपंच के इस कृत्य से नाराज ग्रामीणों ने मनिकबार चौकी का घेराव किया और शिकायत पत्र सौंप कर कार्रवाई की मांग की है।
देखा यह जा रहा है कि पंचायत चुनाव में हार जीत का फैसला आने के बाद अब विवादों का दौर शुरू हो गया है। ताजा मामला शनिवार सुबह मनिकबार के समीपवर्ती ग्राम पंचायत अहिरगांव में चुनाव परिणाम अपने पक्ष में नहीं आने पर पूर्व सरपंच ने साकेत बस्ती की सड़क की खुदाई कर दी। इस घटनाक्रम को लेकर मनिकबार पुलिस चौकी में पूरे बस्ती के महिला, पुरुष, बच्चों सहित सैकड़ों लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है कि पूर्व सरपंच रहे और पुन: सरपंच के चुनाव में लडऩे वाले चन्दन मणि त्रिपाठी ने अपनी हार के बाद सुबह ही ट्रेक्टर लेकर पहुंचे और आठ साल से बनी सड़क मार्ग को ही जोत डाला। पुलिस चौकी में की गई शिकायत में ग्रामीणों ने उल्लेख किया है कि विरोध करने पर पूर्व सरपंच द्वारा जो करना हो कर लें धमकी दी। हमारे मनिकबार संवाददाता अनिल गुप्ता ने बताया कि चौकी प्रभारी महेंद्र सिंह बागरी ने विवादित स्थल पर पहुंच कर सभी से यथा स्थिति बनाए रखने की समझाइश दी और मामला शांत कराते हुए नायब तहसीलदार को भी अवगत कराया है। सभी को यह भी कहा है कि चुनाव में हार-जीत के कारण संबंध खराब न करें। सभी से अपील किया कि सबसे भाई चारा बनाते हुए काम करें। बताया गया है कि उक्त पूर्व सरपंच द्वारा सड़क का निर्माण अपने पट्टे की जमीन पर कराया गया था। लेकिन लोगों का कहना है कि उक्त सड़क में शासकीय योजना के तहत भी काम कराया गया था। इससे जाहिर है कि यदि शासकीय योजना के तहत काम कराया गया है तो उक्त भूमि का अत्यजन भी कराया गया होगा। इससे साफ जाहिर है कि उक्त सड़क शासकीय संपत्ति है जिसको नुकसान पहुंचाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
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