रीवा। छात्रावास के निरीक्षण में मिली कमियों के बाद रीवा कलेक्टर डॉ.इलैयाराजा टी ने लापरवाही पर छात्रावास अधीक्षक उमेश कुमार साकेत को सोमवार को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद मंगलवार को अधीक्षक की मौत हार्टअटैक से संजय गांधी अस्पताल में हो गई।एसएसटी नवीन महाविद्यालय बालक छात्रावास झिरिया में पदस्थ थे। मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा की गई निलंबन की कार्यवाही के चलते उनके परिवार के मुखिया की जान चली गई। आरोप था कि निलंबन आदेश के बाद वो परेशान थे, सोमवार शाम को उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद संजय गांधी अस्पताल में परिजन लेकर पहुंचे जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। नाराज परिजनों ने मृतक का शव कलेक्टर कार्यालय के गेट के सामने रखकर विरोध प्रदर्शन किया।कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने तत्काल मामले को संज्ञान लिया और परिजनों की मांग का निराकरण कराया।परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया तो विरोध थमा और परिजन शांत हुए।
परिजनों की थी यह मांग…
छात्रावास अधीक्षक की मौत के बाद भड़के परिजनों ने शव को कलेक्टर कार्यालय के सामने रखकर विरोध किया, बताया गया कि मृतक के 6 लड़कियां व 1 लड़का था। पुत्र राहुल साकेत 12 वी कक्षा में अध्यनरत है। जिसे अनुकंपा नियुक्त दिलाने की बात कही गई है। बताया गया कि ग्रेजुएशन के बाद उसे तृतीय श्रेणी के पद पर रखा जाएगा वहीं 12वीं के बाद नौकरी करना चाहेगा तो चतुर्थ श्रेणी पद पर अनुकंपा नियुक्त मिलेगी। अधीक्षक ने एचडीएफ बैंक से 15 लाख का कर्ज लिया था, जिसे माफ कराने के साथ ही आर्थिक सहायता की मांग की गई है। जिसके बाद परिजनों का विरोध थमा और वह शव लेकर घर गए और अंतिम संस्कार किया गया।
कई दफा हो चुकी कार्यवाही
बताया गया कि मृतक कर्मचारी के ऊपर इससे पहले भी लापरवाही के चलते कई दफा कार्यवाही हो चुकी थी। सूत्रों के अनुसार बताया कि सेवा काल में इसके पूर्व भी चार से पांच बार अधीक्षक संस्पेड हो चुका था, वहीं दो वेतनवृद्धियां भी लापरवाही के चलते रोकी गई थी। बता दें कि प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए गए आरोप को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रही, लोगो का कहना था कि लापरवाही पर की गई कार्यवाही से मौत का कोई वास्ता नहीं था, यह कार्यवाही कलेक्टर डॉ.इलैयाराजा टी के निरीक्षण में मिली कमियों के आधार पर हुई थी।
कलेक्टर के निरीक्षण में छात्रावासों पर मिला गंदगी का अंबार, अधीक्षक सहित चौकीदार निलंबित…