प्रतिबंधित सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य से अवैध रूप से रेत उत्खनन एवं परिवहन का कार्य नहीं थम रहा है। सिहावल जनपद पंचायत अंतर्गत नकझर स्थित सोन नदी में पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पुल का निर्माण कार्य जिस निर्माण एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है उसके नुमाइंदों द्वारा नकझर से बमुरी की ओर नदी के किनारे रेत डालकर कच्ची सड़क की व्यवस्था कर ली गई है। इसी सड़क के रास्ते से क्षेत्र के कुछ डंपर अवैध रूप से रेत की लोडिंग करानें के लिए यहां पहुंच रहे हैं। बताया गया है कि पुल निर्माण में लगी एजेंसी द्वारा पोकलैण्ड मशीन भी स्थल में रखी गई है। पोकलैण्ड मशीन से पुल निर्माण के लिए आवश्यक रेत का उत्खनन भी मनमानी तरीके से किया जा रहा है। साथ ही कंपनी के कार्य में लगा एक क्षेत्रीय कर्मचारी द्वारा आसपास के डंपर मालिकों से सांठ-गांठ कर उन्हें भी अवैध रूप से सोन नदी का रेत उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सिलसिला कई महीनों से निर्बाध रूप से चल रहा है। इस संबंध में जब स्थानीय संवाददाता द्वारा अवैध रूप से रेत का उत्खनन किए जाने पर संबंधित कंपनी कर्मचारी से बात की गई तो उसका कहना था कि इस मामले में उसके विरुद्ध कोई कार्यवाई नहीं होगी। जबकि नियमों के अनुसार प्रतिबंधित सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र में निर्माणाधीन बड़ी पुल के निर्माण में जो भी रेत की जरूरत होगी उसकी व्यवस्था संबंधित निर्माण एजेंसी को अन्यत्र जगह से करनी चाहिए। निर्माण एजेंसी द्वारा नकझर सोन नदी में जब से निर्माण कार्य शुरू किया गया है अभी तक बाहर से रेत की व्यवस्था नहीं की गई है। रेत की व्यवस्था के लिए ही निर्माण एजेंसी द्वारा मौके पर पोकलैण्ड मशीन रखी गई है। इस मामले में जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों द्वारा कोई भी निरीक्षण एवं कार्यवाई करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। इसी वजह से निर्माण एजेंसी के कर्मचारियों के हौंसले बुलंद हैं और उनके द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखकर रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। इस संबंध में क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा भी निर्माण एजेंसी के मनमानी का विरोध करते हुए इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से कार्यवाई की मांग की गई है।
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