रीवा। सिरमौर बीएमओ के समर्थन और एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आईएमए और स्वास्थ्य सेवाएं के डॉक्टरों ने अंतत: प्रशासन को चेतावनी दे दी है। कमिश्नर को ज्ञापन सौंपते हुए काम बंद हड़ताल करने की चेतावनी दी है। जल्द से जल्द सिरमौर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
ज्ञात हो कि 7 जुलाई को चुनाव सामग्री वितरण के दौरान बीएमओ सिरमौर डॉ प्रशांत शुक्ला के साथ सिरमौर एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री ने गालीगलौज की थी। दवाइयों का किट वितरित होने नहीं दिए थे। फार्मासिस्टों को भी रोक दिया था। गालीगलौज किए जाने के कारण बीएमओ व उनका स्टाफ भावनात्मक रूप से आहत हुआ था। कलेक्टर को लिखित शिकायत कर एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। अब तक प्रशासन ने डॉक्टरों के विरोध और मांग पर कोई एक्शन नहीं लिया। आचार संहिता की आड़ में मामले को दबाने में लगे हैं। यही वजह है कि स्वास्थ्य सेवाएं के डॉक्टर, स्टाफ और आईएमए ने एकजुट होकर सिरमौर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को डॉक्टरों ने कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि जल्द से जल्द सिरमौर एसडीएम नीलमणि के खिलाफ कार्रवाई की जाए, वर्ना सभी डॉक्ट काम बंद हड़ताल पर चले जाएंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस चेतावनी के बाद प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं। अब आचार संहिता खत्म होने में कुछ ही दिन है। ऐसे में आचार संहिता हटते ही डॉक्टर स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित कर देंगे तो इसे सम्हालना मुश्किल होगा। कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से डॉ प्रशांत शुक्ला, डॉ रमेश गेहलोत, डॉ विशाल पाटीदार, डॉ रिऋभ पाटीदार, डॉ नक्षता नेगी, डॉक्टर रितिक, डॉ अविनाश मिश्रा, डॉ आतीश्या जैन, डॉ सम्यक जैन, डॉ निखिल, डॉ अभिषेक, डॉ अंकित सैनी, डॉ अभिषेक शुक, डॉ विकास, डॉ गौरव पाटीदार, डॉ पियूश सैनी, डॉ सोमेश पाटीदार, डॉ दिपेन्द्र पटेल आदि शामिल रहे। कमिश्नर ने डॉक्टरों को उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।
आईएमए ने भी दिया समर्थन
बीएमओ सिरमौर के साथ हुए दुव्यवहार को लेकर आईएमए ने भी आपत्ति जताई है। बीएमओ को आईएमए ने समर्थन दिया है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ मनोज इंदूलकर और सचिव डॉ एके तिवारी ने कमिश्नर से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन सौंप कर बीएमओ सिरमोर से की गई एसडीएम द्वारा अभद्रता को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कमिश्नर से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
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