सभी ताजा खबरें पढ़ने के लिए कृपया जरूर जुड़े🙏
Join Now
सतना। जिले में चुनावी रंग हर चेहरे पर छाया हुआ है। चुनाव के रंग में सभी रेंज हुए हैं और उत्सव की तरह इसे माना जा रहा है। कुछ जगहों पर पंचायत चुनाव हुए हैं जहा के परिणाम भी लगभग सामने आ गए हैं। हालांकि आधिकारिक घोषणा बांकी हैं कई जगहों पर लेकिन जश्न मनाना लोंगो ने शुरू कर दिया है। सतना चुनाव परिणामो में एक अजीबो गरीब मामला प्रकाश में आया है। यहां एक ऐसा भी प्रत्याशी रहा जिसे खुद का भी वोट नही मिला। अब आप सोच रहै होंगे यह कैसे हो सकता है तो हम बता दें कि यह हकीकत है। रगौली पंचायत के उम्मीदवार उत्कर्ष प्रताप सिंह को अपनी ही पोलिंग बूथ पर एक भी वोट नहीं मिला है। उन्होंने खुद दूसरे उम्मीदवार को अपना वोट दे दिया।
इसके अलावा उनके परिवार के 40 वोट भी दूसरे को दिए गए।रगौली में सरपंच पद के उम्मीदवार उत्कर्ष प्रताप सिंह अपने घर की पोलिंग में अपना भी वोट खुद के लिए प्राप्त नहीं कर सके। सूत्र बताते हैं कि यह वही हैं जो खुद को कभी भाजयुमो के जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल बताते थे। उत्कर्ष को तीन गांवों के लगभग 2 हजार मतदाताओं वाली रगौली पंचायत के सरपंच पद के चुनाव में कुल 4 वोट मिले। अपनी घरेलू पोलिंग बमहौरी में खुद उत्कर्ष का भी नाम वोटर लिस्ट में है और इनके परिवार के भी लगभग 40 वोट हैं लेकिन यहां उनका खाता भी नहीं खुला। रगौली पोलिंग में 3 और पवइया में सरपंच पद के प्रत्याशी उत्कर्ष को सिर्फ एक वोट मिला।
वही सूत्रों की माने तो रगौली पंचायत में मादक पदार्थो के तस्कर अशोक सिंह झल्ला की पत्नी पुष्पा सिंह चुनाव जीतकर सरपंच बनी हैं। अशोक और पुष्पा दोनों के खिलाफ आपराधिक भी मुकदमे दर्ज हैं जिन पर अदालत में विचारण भी चल रहा है। चुनावी रुझान में पुष्पा की जीत के बाद उत्कर्ष उनके साथ फूल माला पहन कर पंचायत क्षेत्र में विजय जुलूस में भी शामिल नजर आए। सरपंच प्रत्यासी के इस व्यवहार को लेके तरह तरह की चार्चये रही इन सब के पीछे वजह क्या रही यह तो प्रत्याशी ही बताएंगे लेकिन चर्चाओ में कोई इसे आर्थिक लाभ वाली चुप्पी बता रहा है तो कोई इसे डर की चुप्पी बता रहा है।
0000000