नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के रीवा जिले का बहुचर्चित रेप कांड के मुख्य आरोपी महंत सीताराम दास का नाम वेदांती डॉ.रामविलास से यह कहकर जोड़ा जाता है कि सीताराम उनका नाती है और उनके कहने पर ही ही वह सामर्थ त्रिपाठी से महंत सीताराम दास बन गया लेकिन इन चर्चाओं पर विराम लगाने को लेकर वेदांती महाराज के उत्तराधिकारी वेदांती राघवेष अब सामने आए हैं, उनके द्वारा मीडिया को दिए गए बयान में बताया है कि महंत सीताराम दास ने वेदांती डॉ.रामविलास से दीक्षा नहीं ली है और न ही वह उनका शिष्य है, वह पूरे देश में उनके नाम का दुरुपयोग करता रहा है और रीवा में भी यही कर रहा था, बताया कि रीवा में संकटमोचन हनुमान कथा का आयोजन एक अप्रैल से किया जाना था, जिसका काफी प्रचार-प्रसार हो रहा था वेदांती डॉ.रामविलास के शिष्य के रूप में सीताराम वहां भी यहीं कर रहा था।
8 माह रहा है जेल
वेदांती राघवेष ने मीडिया को बताया कि महंत सीताराम दास सुरक्षा पाना चाहता था तो उसने अपने साथी सम्राटदास पर गोली चलवा डाली, जिसके बाद पुलिस की जांच में यह मुख्य आरोपी निकला और इसके बाद पुलिस ने इसे जेल भेज दिया और वह 8 माह तक जेल में रहा। जिसके बाद जब यह छूटा तो इसने फिर से वहीं काम शुरु कर दिया। और वेदांती डॉ.रामविलास का नाम उपयोग करने लगा। महंत सीताराम ने वेदांती महाराज के साथ फोटो शोसल मीडिया में वॉयरल कर उनके काफी करीबी अपने आप को जनता के बीच दिखाता रहा है।
सभा अध्यक्ष सहित गृह मंत्री व रीवा एसपी को भी तिलक लगाकर ‘आशीर्वाद’ दे
चुका दुष्कर्मी महंत! पुलिस सुरक्षा में दिखाता था रौब, कई नेता भी रहते
हैं पीछे….(click)
महाराज की डायरी कर उतारी
वहीं चर्चाओं के अनुसार कहा यह भी जाता है कि महंत सीताराम शुरु से ही अपराधिक प्रवृत्ति का था, उसके द्वारा वेदांती डॉ.रामविलास की शरण ले ली थी और इसके बाद उसके द्वारा उनके डायरी की फोटो कापी करा ली और उनके नाम पर बड़े-बड़े अफसरों को फोन कर धौंस जमाता था। हालांकि अब रीवा पुलिस ने महंत को धर दबोचा है और कई बड़े राम खुलने की संभावना है।