रीवा। विंध्य क्षेत्र के छात्रों के लिए एक नए पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह पाठ्यक्रम अवधेश प्रताप सिंह के भौतिकी विभाग में शुरु किया गया है। इस पाठ्यक्रम के शुरु हो जाने के बाद छात्रों को कई लाभ होंगे। सबसे पहले तो विवि में इस पाठ्यक्रम की उपाधि लेने के बाद छात्र सीधे पीएचडी की पात्रता रखेगा। बता दें कि एपीएसयू के भौतिकी विभाग में बीएससी आनर्स पाठ्क्रम की शुरुआत इस सत्र से की गई है। जिसमें प्रवेश की प्रक्रिया भी ऑनलाइन प्रारंभ कर दी गई है। भौतिकी विभागाध्यक्ष की मानें तो यह पाठ्यक्रम चार वर्षों का है, जो नेशनल एजुकेशन पालिसी (एनईपी) के तहत शुुरु किया गया है। इस वर्ष से ही इस पाठ्यक्रम का लाभ छात्रों को मिल सकेगा। बता दें कि फिलहाल विवि में ऐसा कोई पाठ्यक्रम नहीं था, जिसको पूरा करने के बाद छात्र सीधे पीएचडी कर सकें। इससे पहले ग्रेजुएशन, पीजी और यदि इसके बाद पीएचडी के लिए गाइड मिले तो पीएचडी, नहीं तो छात्र एमफिल कर पीएचडी करते थे। लेकिन अब छात्र सीधे चार वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद पीएचडी कर सकेंगे।
हर वर्ष छोडऩे का विकल्प
भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि एक विशेषता यह भी है कि इस चार वर्ष के कोर्स में यदि कोई छात्र एक या दो या फिर तीन वर्ष में कोर्स को किसी कारणवश छोडऩा चाहता है तो उसे नुकसान नहीं होगा। बल्कि, एक वर्ष में छोडऩे पर सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष में छोडऩे पर डिप्लोमा, तीसरे वर्ष में डिग्री व चौथा वर्ष पूरा करने पर छात्रों को बीएससी आनर्स की उपाधि दी जाएगी। अभी तक किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के बाद उसे निर्धारित वर्षों तक पूरा करने पर ही छात्र को उसका लाभ मिलता था।
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
विवि प्रबंधन का मानना है कि इस कोर्स के शुरु होने के बाद रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उक्त पाठ्यक्रम यूजीसी/एनईपी पाठ्यक्रम सामग्री सहित रोजगार की दृष्टि से उपयोगी है। बता दें कि विवि में जो भी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहते हैं वह इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रवेश प्रारंभ कर दिया गया है। इससे संबंधित जानकारी विवि के भौतिकी विभाग में जाकर ले सकते हैं।
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