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सीधी. लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवनों की स्थाई संपत्तियों के सामान्य मरम्मत हेतु 3-3 लाख का बजट सीधी जिले में 151 स्कूलों को उपलब्ध कराया गया था। 4 करोड़ 53 लाख की अनुरक्षण राशि को लेकर प्राचार्यों एवं जिला कार्यालय के बीच खींचतान मची हुई है। अधिकांश प्राचार्यों द्वारा 3 लाख के बजट पर शाला प्रबंधन विकास समिति के माध्यम से कार्य करा लिया। अब जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इसको मान्य नहीं किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस मामले में कहा जा रहा है कि शाला प्रबंधन विकास समिति के माध्यम से कार्य नहीं होना है। यह कार्य संविदाकार के माध्यम से होना है और भुगतान की राशि भी संविदाकार के खाते में जारी है।
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इसी बात को लेकर मझौली ब्लॉक में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नौढिय़ा के प्राचार्य रामाश्रय प्रसाद साकेत ने जिला शिक्षा अधिकारी पर दुव्र्यवहार करनें का आरोप लिखित तौर पर लगाया है। बड़े अधिकारियों को भेजे शिकायती पत्र में प्राचार्य ने कहा है कि मप्र शासन द्वारा सत्र 2022-23 भवन अनुरक्षण कार्य के लिए विद्यालयों को 3-3 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। रमसा अधिकारी डॉ. सुजीत मिश्र द्वारा विद्यालय भ्रमण के दौरान निरीक्षण में कम कक्ष मिलने एवं ज्यादा कक्षाएं संचालित होने पर मार्गदर्शन किया गया था कि मिलने वाले 3 लाख के बजट से विद्यालय भवन की व्यवस्था को सही करा लिया जाए। उक्त मार्गदर्शन पर 2 दिसंबर 2022 को प्राचार्य द्वारा शाला प्रबंधन समिति की बैठक लेकर विद्यालय के सभी आवश्यक कार्यों को प्रस्तावित किया गया है। बाद में विभाग द्वारा ऐसा आदेश आया कि भवन मरम्मत का कार्य संविदाकार के माध्यम से होगा एवं स्कूल प्राचार्य सिर्फ सील लगाएगा।
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शाला प्रबंधन विकास समिति द्वारा कराया गया कार्य मान्य नहीं किया जाएगा। अभी 13 मार्च 2023 को प्राचार्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय आकर डीईओ के समक्ष विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा कराए गए कार्य की रसीद प्रस्तुत कर आवश्यक मार्गदर्शन मांगा। यह देखकर जिला शिक्षा अधिकारी आवेश में आ गए और उनके द्वारा दुव्र्यवहार शुरू कर दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी का कहना था कि कराए गए कार्य का बिल वह पास नहीं करेंगे। इसमें लगने वाली जीएसटी कौन भरेगा। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस मामले को लेकर प्राचार्य के साथ किए गए दुव्र्यवहार से वह काफी अपमानित एवं जलील हुए। प्राचार्य द्वारा अपने शिकायती पत्र में कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया व्यवहार प्रथम दृष्टया मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-03 के उप नियम-1, 2 एवं 3 के विपरीत होकर अनुशासनहीनता एवं पदीय दायित्वों के विरुद्ध की श्रेणी में आता है। इस वजह से जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाई की जाए।
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मझौली ब्लॉक में शाउमावि कन्या मझौली, हाई स्कूल जमुआ नं.2, हाई स्कूल नेबूहा, शाउमावि गजरी, नौढिय़ा, अमेढिय़ा, ताला, हाई स्कूल पांड, खमचौरा, बड़काडोल, शाउमावि चमराडोल, हाई स्कूल करमाई, शाउमावि डांगा, हाई स्कूल जोबा, जमुआ नं1 बरसेनी, शाउमावि गिजवार, बकवा, मड़वास, हाई स्कूल गजरा बहरा, शाउमावि महखोर, हाई स्कूल छुही, शाउमावि खडौरा, पथरौला, हाई स्कूल शिकरा, शाउमावि टिकरी, हाई स्कूल दरिया, रामपुर नैकिन ब्लॉक में शाउमावि भरतपुर, हाई स्कूल पिपरांव, शाउमावि अमिलई, हाई स्कूल रैदुअरिया, नैकिन, शाउमावि कन्या बघवार, शाउमावि बघवार, हाई स्कूल चोरगड़ी, मऊ, रघुनाथपुर, घुंघुटा, शाउमावि कन्या रामपुर नैकिन, हाई स्कूल कन्या रामपुर नैकिन, हाई स्कूल मढ़ा, डिठौरा, कुडिय़ा कोठार, शाउमावि कंधवार, ममदर, कुंआ, बडख़रा, मोहनिया, हाई स्कूल तिवरिगवां, कपुरी बेदौलियान, शाउमावि बालक चुरहट, शाउमावि कन्या चुरहट, हाई स्कूल मनकीसर, शाउमावि हनुमानगढ़, हाई स्कूल बेलदह, पडख़ुरी 586, पचोखर, शाउमावि डढिय़ा, हाई स्कूल कुशमहर, शाउमावि चकडौर, हाई स्कूल चंदरेह, शाउमावि पोस्ता, हाई स्कूल खैरा, शाउमावि सतोहरी संस्कृत, हाई स्कूल धनहा, शाउमावि खड्डी, हाई स्कूल मौरा, शाउमावि पैपखरा, बाघड़ इसी तरह ब्लॉक सीधी ब्लॉक एवं सिहावल ब्लॉक में भी शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों को 3-3 लाख का बजट भवन मरम्मत के लिए उपलब्ध कराया गया था। जिसको लेकर अब जिला कार्यालय एवं प्राचार्यों के बीच काफी खींचतान मची हुई है।