रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल आएदिन नए कीर्तिमान रच रहा है। हाल ही में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक बड़ा सफल ऑपरेशन हुआ है जो प्रदेश का ऐसा पहला ऑपरेशन है। सुपर स्पेशलिटी रीवा ने प्रदेश भर में सबसे पहले यह उपलब्धि हासिल की है जो अब तक बड़े-बड़े सरकारी अस्पतालों को नहीं मिल सकी थी। बता दें कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में लेजर द्वारा प्रोस्टेट की अब तक की सबसे एडवांस सर्जरी की गई। डॉ. बृजेश तिवारी द्वारा प्रोस्टेट के ऑपरेशन में लेजर की सबसे एडवांस सर्जरी होलेप (होलमियम लेजर एन्यूक्लिेशन आफ प्रोस्टेट) की गई। मध्यप्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में लेजर द्वारा प्रोस्टेट की यह प्रथम सर्जरी है।
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बीमारी से परेशान था मरीज
एक 60 वर्षीय पुरुष पेशाब में रुकावट की समस्या से काफी परेशान था व कई अस्पतालों में दिखा चुका था। मरीज की राहत के लिए पेशाब की नली डाली जा चुकी थी। सुपर स्पेशलिटी में जांच कराने के उपरांत मरीज ने डॉक्टर बृजेश तिवारी से बुधवार को संपर्क किया। इन्वेस्टिगेशन के बाद मरीज की पेशाब की थैली में 3 सेंटीमीटर की पथरी और काफी बड़ी 70 ग्राम की प्रोस्टेट की ग्रंथि पाई गई। जिसके लिए मरीज को भर्ती होकर ऑपरेशन की सलाह दी गई। इसके बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया। बताया गया कि सामान्यत: पथरी एवं प्रोस्टेट की ग्रंथि बड़े होने पर चीरा लगाकर पथरी को निकाला जाता है एवं प्रोस्टेट का ऑपरेशन पथरी निकालने के 15-20 दिन बाद किया जाता है। परंतु सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा दोनों चैलेंजिंग ऑपरेशन को महज ढाई घंटे में लेजर के द्वारा कर दिया गया। प्रोस्टेट ग्रंथि के ऑपरेशन के लिए विगत कुछ दिनों पहले ही ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल किया गया था, जिसके द्वारा इस एडवांस्ड टेक्निक्स से प्रोस्टेट ग्रंथि का ऑपरेशन डॉ बृजेश तिवारी द्वारा किया गया। बताया गया कि मरीज का इलाज सुपर स्पेशलिटी में आयुष्मान योजना के तहत बिल्कुल नि:शुल्क किया गया।
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क्या है होलेप ऑपरेशन
विशेषज्ञों की मानें तो यह ऑपरेशन प्रोस्टेट की ग्रंथि बड़ी होने पर किया जाता है। प्रोस्टेट की ग्रंथि का दूरबीन द्वारा सबसे एडवांस तरीके का ऑपरेशन है, जिसमें खून का बहाव बहुत कम हो जाता है। कॉम्प्लिकेशंस कम हो जाते हैं एवं बड़ी से बड़ी ग्रंथि को जड़ से 2 घंटे में निकाला जा सकता है। इसके पहले तक दूरबीन द्वारा ऑपरेशन किए जाते थे, लेकिन इस ऑपरेशन से मरीज के शरीर की सुरक्षा काफी हद तक बढ़ जाती है। इस ऑपरेशन में लेजर मशीन का इस्तेमाल होता है, जिसकी कीमत एक से डेढ़ करोड़ रुपए होती है। सुपर स्पेशलिटी रीवा में यह मशीन पिछले 2 सालों से उपलब्ध है, परंतु सर्जरी का सामान ना होने के कारण उसका पूरा इस्तेमाल अब तक नहीं हो पा रहा था।
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टीम में ये थे शामिल
ऑपरेशन डॉ. बृजेश तिवारी यूरोलॉजिस्ट द्वारा किया गया। सहायक के रूप में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अनिल चौहान, एनेसथिसिया विभाग के डॉ आलोक सिंह, डॉ.राजीव द्विवेदी, डॉ.लाल प्रवीण एवं डॉ.निष्ठा का प्रमुख योगदान रहा। इसके साथ ही स्टाफ नर्स अनीता संध्या एवं टेक्नीशियन वेद प्रकाश, विपिन का भी योगदान रहा।
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