रीवा। शहर मे शनिवार को एक प्राईवेट स्कूल के प्रोग्राम मे सिरकत करने पहुंचे मशहूर कवि कुमार विश्वास ने ऐसी कविताएँ पढ़ी की पूरा रीवा शहर झूम उठा। बता दें कि देर रात तक मशहूर कवियों को सुनने के लिए लोगो की भीड़ जमा रही। दर्शकों को हंसाते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि, अगर वसूलों की बात आए तो अपने आप के खिलाफ बोलो, देश पर बात आए तो बाप के खिलाफ बोलो। कुमार विश्वास ने जैसे ही व्यंगात्मक पंक्तियों की शुरुआत की तो मौजूद दर्शको ने तालियों की गूंज से पूरे ग्राउंड मे गूंज उठी। उन्होंने कविता पढ़ते हैं आगे कहा कि आत्ममुग्ध बौने स्वराज का परचम फहराने वाले, हमको बच्चा समझ रहे, जग को बहलाने वाले। शॉल ओढ़कर घी पीते है। त्यागी कहलाने वाले। साथ रहो तो सबसे, मौन रहे तो आभारी है, सत्ता की कविता से केवल इतनी रिश्तेदारी है…. गूंगे सिखा रहे हैं हमको मुंह कितना खोला जाए। हक़ के लिए लड़ो मर जाओ जग को बतलाने वाले। आत्ममुग्ध बौने स्वराज का परचम फहराने वाले। हम को बच्चा समझ रहे हैं। खुद को बहलाने वाले शाल ओढ़ कर घी पीते हैं त्यागी कहलाने वाले। इतने हलके हैं कहते हैं हमें। नहीं तोला जाए, गूंगे सिखा रहे हैं हमको मुंह कितना खोला जाए।बता दें कि ख्याति प्राप्त कवि कुमार विश्वास दिल्ली, संपत सरल राजस्थान और हेमंत पाण्डेय कानपुर को सुनने से लिए शहरवासी भारी संख्या मे पहुंचे।
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