रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के साथ एक और उपलब्धि जुड़ गई। जो मेडिकल कॉलेज की स्थापना के 59 सालों में नहीं हुआ, वह अब संभव हुआ है। डर्मेटोलॉजी विभाग को पीजी की तीन सीटें संचालित करने की अनुमति मिल गई हैं। अब यहां पीजी की भी पढ़ाई होगी। यह अवसर प्रदेश में इंदौर के बाद रीवा को मिला है।
ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज ने चर्म रोग विभाग में पीजी कोर्स शुरू करने के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल के पास आवेदन किया था। एनआईसी की टीम ने आवेदन के बाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद अब जाकर एनएमसी ने चर्म रोग विभाग को पीजी की सीटें स्वीकृति करने का आदेश जारी किया है। देश के मेडिकल कॉलेजों की नियंत्रण कारी संस्था नेशनल मेडिकल काउंसिल ने अपने निरीक्षण के बाद मध्यप्रदेश में रीवा मेडिकल कॉलेज के चर्म रोग विभाग को स्नातकोत्तर अध्ययन प्रारंभ करने के लिए उपयुक्त पाते हुए 3 पीजी सीटों में एडमिशन दिए जाने की अनुमति जारी की है। सीएमओ डॉ यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि यह उपलब्धि अधिष्ठाता डॉ देवेश सारस्वत ने कार्यभार संभालने के उपरांत इस और अथक प्रयास से संभव हो पाया है। जिसके चलते निरीक्षण के बाद यह अनुमति प्राप्त हुई है। इससे चर्म रोगियों को उपचार प्रदान करने में संजय गांधी स्मारक चिकित्सालय को अत्यधिक सहूलियत प्राप्त होगी। इससे पूर्व चर्म रोग विभाग में तीन वरिष्ठ चिकित्सक पदस्थ थे। अब तीन जूनियर चिकित्सकों के आने से आने वाले 3 वर्षों में 9 अतिरिक्त चिकित्सक चर्म रोग विभाग को प्राप्त होंगे। इस उपलब्धि के लिए सभी फैकल्टी एवं स्टाफ ने अधिष्ठाता डॉ देवेश सारस्वत सहित चर्म रोग विभाग को बधाई दी है।
एक भी सीट नहीं थी
चर्म रोग विभाग में डॉक्टर की संख्या भी कम थी। मरीज अधिक पहुंच रहे थे। सिर्फ तीन डॉक्टरों के भरोसे ही विभाग चल रहा था। पीजी सीटें शुरू करने की यहां अत्यधिक आवश्यकता था। पीजी सीटों को लेकर लंबे समय से डिमांड की जा रही थी। अब सफलता मिली है। पीजी सीटों में प्रवेश दिए जाने से तीन पीजी डॉक्टर मिल पाएंगे। इससे मरीजों को भी इलाज में सुविधा मिल पाएगी। तीन साल में 9 डॉक्टर तैयार होंगे।
वर्सन….
चर्म रोग विभाग में तीन सीटें पीजी की स्वीकृति हुई हैं। एनएमसी ने निरीक्षण के बाद अनुमति दे दी है। इंदौर के बाद रीवा के साथ ही यह उपलब्धि जुड़ पाई है।
डॉ यत्नेश त्रिपाठी
सीएमओ, एसजीएमएच रीवा
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