रीवा। रीवा में पौधरोपण के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कागजों में पौधे लगाकर लाखों रुपए का वारा न्यारा किया गया। मामले की जांच हुई तो 10 लाख से अधिक का फर्जीवाड़ा सामने आया। 50 लाख पौधे लगाने थे, लेकिन रेंजर, वनपाल, और वनरक्षकों ने मिलकर इसमें घालमेल कर दिया। मौके पर सिर्फ 39 हजार 576 गड्ढे खुदवाए गए। पौधे भी 10 हजार 739 कम लगवाए गए। इन पौधों को हालांकि कागजों में जिंदा रखा गया। उनकी निंदाई, खाद, कीटनाशक और फिनिसिंग के नाम से राशि आहरित करते रहे। सारी राशि कर्मचारी, अधिकारियों ने मिलकर डकार ली। अब मामले का फांडा फूटा तो जांच बैठ गई है। डीएफओ ने रिकवरी नोटिस जारी की है।
पौधरोपण का यह फर्जीवाड़ा नया नहीं है। रीवा में लाखों पौधे सिर्फ कागजों में लगे और करोड़ों रुपए डकार लिए गए। इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हाल ही में हुआ है। परिक्षेत्र सहायक पटेहरा, वनपरिक्षेत्र सिरमौर के कक्ष क्रमांक पीएफ 131 में कैम्पा मद से वर्ष 2018-19 में 50 हेक्टेयर में मिश्रित पौधरोपण किया जाना था। 50 हजार गड्ढे खोदकर पौधे लगाने थे। हालांकि इसमें तत्कालीन रेंजर, डिप्टीरेंजर, वनरक्षक, वनपाल ने शासन को धोखा दिया। मौके पर सिर्फ 39 हजार 576 गड्ढे ही खुदवाए गए। इतने ही पौधे भी लगवाए गए। पौधे भले ही मौके पर कम लगवाए गए, लेकिन रिकार्ड में 50 हजार ही दिखाया गया। इसी के आधार पर अन्य आहरण भी किया गया। करीब 17 लाख रुपए इन पौधों पर में खर्च हुआ। हालांकि इसकी जांच हुई तो सारी पोल खुल गई। मौके पर पौधे मिले ही नहीं, जो लगे भी थे उसमें भी 20 हजार से अधिक पौधे गायब मिले। अब वन परिक्षेत्र सिरमौर और उप वनमंडलाधिकारी के जांच प्रतिवेदन पर डीएफओ रीवा ने अनियमितता में फंसे चार अफसर, कर्मचारियों को रिकवरी नोटिस जारी किया है।
वर्तमान रेंजर ने पकड़ा फर्जीवाड़ा
वनपरिक्षेत्र सिरमौर के कक्ष क्रमांक पीएफ 131 में एनपीव्ही कैम्पा मद से वर्ष 2018-19 में 50 हेक्टेयर में मिश्रित पौधरोपण कराया जाना था। इसमें अनियमितता के संबंध में मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर देवेन्द्र कुमार अहिरवार वनक्षेत्रपालल सिरमौर द्वारा जांच की गई थी। उनके पत्र क्रमांक/331 दिनांक 9 फरवरी 2021 से एक प्रतिवेदन उपवनमंडलाधिकारी रीवा को भेजा गया। इसमें स्पष्ट किया गया था रोपण में कुल 50 हजार नग पौधों में से मात्र 29 हजार 576 नग पौधे ही जीवित हैं। 9 हजार 685 नग पौधे मृत मिले। 10 हजार 739 नग गड्ढे न तो खोदे ही गए और न ही पौधों का रोपण हुआ। इस प्रकरण मौके पर मात्र 39 हजार 261 नग गड्ढे खुदवाए जाकर 30 हजार 261 पौधों का ही रोपण कराया गया। इस अनियमितता के कारण गड्ढा खुदाई, रोपण,निदाई, पौधा क्रय परिवहन, खाद कीटनाशक क्रय एवं अधिक फेसिंग पोल पर व्यय दर्शान से कुल अधिक व्यय 5 लाख 26 हजार 273 रुपए किया गया। इतना ही नहीं दूसरी निंदाई में 9 हजार 685 पौधे और मृत हुए। इस प्रकरण कुल 20 हजार 424 पौधों पर खर्च की गई राशि बेकार गई।
इन सब पर है कार्रवाई की तैयारी
फर्जी तरीके से किए गए पौधरोपण में तत्कालीन वन क्षेत्रपाल संतोष कुमार संत , विवेक सिंह वन क्षेत्रपाल, श्यामराज चौधरी वनपाल एवं संजीव बंसल वनरक्षक को कटखरे में रखा गया है। इनसे वसूली की तैयारी है। इस अनियमितता के लिए चारों कों जिम्मेदार ठहराया गया है। डीएफओ ने सीसीएफ को भी इस फर्जीवाड़ा से अवगत कराया है। पत्र लिखकर जानकारी दी है।
28 पोल भी गायब कर दिए, 20 हजार पौधे सुखा भी दिए
सिरमौर परिक्षेत्र के बीट क्रमंाक पीएफ 131 में पौधों की सुरक्षा के लिए 1750 नग सीमेंट पोल लगाया जाना था। निरीक्षण के दौरान मौके से सिर्फ 1722 नग सीमेंट पोल मिले। 28 गायब रहे। उप वनमंडलाधिकारी रीवा के प्रतिवेदन अनुसार 50 हजार नग पौधों को लगाने में कुल 17 लाख 93 हजार 236 रुपए व्यय हुआ।। इस प्रकार प्रति पौधे पर 35.86 रुपए व्यय किया गया। वनपाल के समय लगाए गए पौधों में से 20 हजार 424 पौधे मौके पर नहीं मिले। इस पर 6 लाख 25 हजार 995.60 रुपए एवं 28 नग पोल की राशि 14 हजार 181 रुपए यानि कुल 6 लाख 40 हजार 176 रुपए 60 पैसे भी बर्बाद किया गया।
इस तरह किया गया फर्जीवाड़ा
50 हजार नग पौधों के रोपण पर कुल व्यय राशि 17 लाख 93 हजार 236 है। इसें से 50 हजार नग पौधों की निदाई एवं खाद, कीटनाशन डलवाने में 26 हजार 400 रुपए व्यय किया गया। इसके अतिरिक्त रोपण की सुरक्षा एवं रखरखाव में रुचि न रखने पर समुचित नियंत्रण न करने पर मृत हुए कुल 9685 नग पौधों के रोपण एवं रखरखाव में किया गया। रोपण एवं रखरखाव पर 3 लाख 47 हजार 350 रुपए खर्च किया गया। इसके अलावा 9685 नग पौधों की फर्जी निंदाई एवं खाद कीटनाशक डलवाई से व्यय राशि 55929 का फर्जीवाड़ा किया गया। 50 हजार नग पौधों में से 1680 नग पौधों की प्रथम निंदाई के लिए 6216 के प्रमाणक, 1680 पौधों के द्वितीय निंदाई के लिए 4972 रुपए के प्रमाणक एवं 1330 पौधों के खाद कीटनाशन डलवाने के 2953 रुपए के प्रमाणक फर्जी तैयार कर भेजे गए। भुगतान कराया गया। इसमें 14142 रुपए की और क्षतिकारित की गई। इस प्रकार कुल 5 लाख 33 हजार 641 के लिए प्रत्यक्ष रूप से वसूली निकाली गई। कुल 10 लाख 5 हजार 913 रुपए की हानि पहुंचाई गई। इसकी वसूली दागियों से की जाएगी।
वर्सन…
मामले की जांच चल रही है। मामले में जो भी दोषी है उन्हें नोटिस जारी कर जवाब, सवाल मांगा गया है। जिसकी जितनी सहभागिता होगी उस पर उतनी रिकवरी निकाली जाएगी। अभी फाइनल नहीं हुआ है। जांच पूरी होने के बाद ही रिकवरी तय होगी।
चन्द्रशेखर सिंह
वनमंडलाधिकारी, रीवा
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