रीवा। रीवा में एक गंभीर मामला सामने आया है। घर में जुड़वा बच्ची के जन्म की आस लगाए परिवार के सामने नई चुनौती और परेशानी आन खड़ी हुई। महिला ने दो जुड़वा बच्चिों को जन्म तो दिया लेकिन वह पेट से आपस में जुड़ी हुई पैदा हुईं। डिलिवरी के बाद डॉक्टरों ने नवजात शिशुओं को एनआईसीयू में रखा। बाद में आपरेशन के लिए इन्हें जबलपुर रेफर कर दिया गया। 108 एम्बुलेंस की मदद से दोनों बच्चिों को जुड़ी हालत में जबलपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। मिली जानकारी के अनुसार संगीता ङ्क्षसह पति बलराज सिंह निवासी नईगढ़ी का डिलिवरी के लिए संजय गांधी अस्पताल के गायनी विभाग में भर्ती किया गया था। चार दिन पहले डिलिवरी हुई। डिलिवरी के पहले तक परिवार के सदस्य खुश थे कि घर में दो नन्हे मेहमान आएंगे। जब डिलिवरी हुई तो डॉक्टरों के भी होश उड़ गए। दोनों नवजात पेट से जुड़े हुए पैदा हुए। डॉक्टरों की परेशानियां तो बढ़ी ही परिवार के सदस्यों के भी होश उड़ गए। डिलिवरी के बाद नवजात बच्चों को उपचार के लिए एसएनसीयू में रखा गया। एसएनसीयू में नवजात शिशुओं का इलाज और जांच हुआ। ऊपरी तौर पर तो सिर्फ चमड़ी ही जुड़ी हुई नजर आई लेकिन अंदर से भी अंग जुड़े होने की बात सामने आई। रीवा संजय गांधी अस्पताल में पिडियाट्रिक सर्जन नहीं है। ऐसी हालत में उन्हें दोनों जवजात शिशुुओं को बाहर रेफर करने का निर्णय लिया गया। 4 मई को डॉक्टरों ने नवजात शिशुओं को जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजने का निर्णय लिया। 108 एम्बुलेंस की मदद से नवजात बच्चों को जबलपुर रवाना कर दिया गया। एम्बुलेंस में बच्चों को विशेष निगरानी में रखा गया। शाम को एम्बुलेंस नवजात शिशुओं को लेकर जबलपुर रवाना हो गई। अब आगे का इलाज जबलपुर में ही होगा।
4.30 घंटे में एम्बुलेंस ने पहुंचा दिया
पेट से जुड़े नवजात को बचाने के लिए 108 एम्बुलेंस के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका अहम रही। एम्बुलेंस में नवजात को रखने के लिए अलग से व्यवस्था की गई। वैटीलेटर आदि का अरेंजमेंट किया गया। इसके बाद ईएमटी सुधीर शुक्ला की निगरानी में रीवा से जबलपुर तक का सफर तय किया गया। पायलट समय लाल कोल एम्बुलेंस को ड्राइव कर जबलपुर तक पहुंचे। शनिवार की शाम 5 बजे नवजात यहां से रवाना हुए और रात को करीब 9.30 बजे जबलपुर पहुंच गए।
जबलपुर में अलग होंगे पेट से जुड़े नवजात
रीवा से रेफर किए गए नवजात शिशुओं का इलाज अब जबलपुर मेडिकल कॉलेज में होगा। रीवा में पिडियाट्रिक सर्जन के अभाव के कारण इन्हें जबलपुर रेफर किया गया है। पेट से दोनों बच्चियां जुड़ी हुई हैं। ऐसे में इन्हें जांच के बाद आपरेट किया जाकर अलग किया जाएगा। ऐसे मामले कम ही सामने आते हैं। इस तरह के रेयर केस में रीवा के लोगों को ऐसी ही परेशानी उठानी पड़ती है।
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