रीवा/सतना। शहर के दीप लॉज में चल रहे बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा एसपी नवनीत भसीन के मार्गदर्शन में हुआ है। इस सेक्स रैकेट के तार कई अन्य जिलों में भी जुड़े हुए हैं। इतना ही नही राज्य से बाहर भी इनके कनेक्शन चर्चाओ में हैं। सबसे ज्यादा चर्चा पड़ोसी जिले सतना से सेक्स रैकेट के तार जुड़े होने की है, सेक्स रैकेट में पकड़े गए कई लोग सतना के ही निवसी भी हैं। इस कार्यवाही में अमरपाटन निवासी राकेश पटेल सहित सतना की 3 महिलाएं भी गिरफ्तार हुई हैं। इनमें दो तो 19 वर्षीय युवती हैं। इसके अलावा पकड़े गए आरोपियों में ग्रुप की सरगना सितारा खान सहित जिले के ग्रामीण अंचल से गुढ़ निवासी रामस्वयम्बर पांडेय, महासुआ निवासी अतुल अवस्थी, सेमरिया निवासी देवलाल गुप्ता, बोदबाद निवासी रमाशंकर शर्मा, और दीप लॉज का सत्यनारायण गुप्ता शामिल है। वही चर्चाओ के अनुसार डील सितारा के अड्डे पर होती थी जहाँ मनमानी रुपये की मांग होती थी ग्राहक के हिसाब से लड़कियां उपलब्ध कराई जाती थी। वही चर्चा यह भी है कि ग्राहकों की डिमांड पर अन्य जिलो व राज्य से भी लड़कियों को बुलाया जाता था। हालांकि एसपी द्वारा कराई गई इस कार्यवाही से आम जनता काफी खुश है। उनका कहना है कि सेक्स रैकेट सरगना सितारा का नाम हमेशा ही चर्चाओ में रहता था लेकिन इसका सफाया किसी द्वारा नही किया लेकिन एसपी नवनीत भसीन ने सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ कर सरगना सहित आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे कर दिया। मामले में संलिप्त अन्य लोंगो की भी जांच होनी चाहिए, सरगना के कॉल डिटेल्स निकाले जाए तो इस गिरोह में शामिल अन्य कई बड़े लोंगो के नाम भी सामने आ सकते हैं। क्योंकि इसे राजनीतिक संरक्षण से भी जोड़ा जा रहा है।
ग्रहको से छीने जाते थे रुपये:-
वही नगर निगम द्वारा मंगलवार को सितारा खान के अवैध अतिक्रमण को तोड़ा गया है। अस्पताल चौराहा के समीप के वर्षो से उसके द्वारा गोमती रख अतिक्रमण किया गया था। जब अतिक्रमण हटाया जा रहा था तब भी लोंगो के बीच तरह तरह की बातें की जा रही थीं। कहा जा रहा था कि इसी गोमती पर ही डील लड़कियों की ग्राहकों को फ़ोटो व सामने दिखा की जाती थी। कि बार तो ग्राहकों से पैसे भी ले लिए जाते थे और सितारा उन्हें भगा दिया जाता था। कि दफा विवाद भी हुए लेकिन किसी प्रकार की कोई कर्यवाही नही हुई। इस प्रकार की बाते सामने के बाद बड़ा सवाल यह भी उठ रहा कि आखिर पुलिस प्रशासन कर किया रहा था और निगम प्रशासन भी इस अवैध कब्जे को क्यों नही हटा रहा था। इसे पूरी तरह से राजनैतिक व पुलिस सहित निगम अधिकारियों के संरक्षण से जोड़ा जा रहा था। कहा जा रहा कि बीच बाजार बिना अफसरों की जानकारी सरकारी जमीन पर आखिर सरगना अपना व्यापार चला कैसे रही थी।