रीवा। जिले में 130 हाईस्कूल व 116 हायर सेकेण्डरी मिलाकर 246 सरकारी विद्यालय हैं। इनमें से करीब 35 विद्यालयों की भूमि पर बेजा अतिक्रमण है। अतिक्रमण का उक्त रिकार्ड स्वयं शिक्षा विभाग के पास है, जबकि वास्तव में इससे भी ज्यादा विद्यालयों की भूमि पर अतिक्रमण होने की आशंका है। शासन-प्रशासन व विद्यालय प्रबंधनों की लापरवाही के कारण यह अतिक्रमण निरंतर बढ़ रहा है। वर्षों से दीमक की तरह बढ़ रहे अतिक्रमण को रोकने जिम्मेदारों द्वारा कोई प्रयास नहीं किये। नतीजन आज अतिक्रमण का ग्राफ इतना बढ़ चुका है, जिसे हटाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। बहरहाल, आयुक्त लोक शिक्षण ने विगत 10 जनवरी को एक पत्र जारी किया है। उक्त पत्र में कलेक्टर को सभी सरकारी विद्यालयों की भूमि से अतिक्रमण हटाने निर्देशित किया गया है। शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए आयुक्त लोक शिक्षण ने सभी प्राथमिक, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की भूमि, भवन से अतिक्रमण हटाने निर्देशित किया है। अब शासन और लोक शिक्षण के उक्त निर्देश का पालन कितना होता है, यह आने वाले समय में स्पष्ट हो सकेगा।
बता दें कि शा. विद्यालय लौआ लक्ष्मणपुर, शा.उ.मा.वि. हिनौती, शा.उ.मा.वि. उत्कृष्ट नईगढ़ी, शा.उ.मा.वि. भीर, शा.उ.मा.वि. रामपुर, शा.उ.मा.वि. गढ़, शा.उ.मा.वि. शिवराजपुर, शा.उ.मा.वि. फूल सहित अन्य विद्यालयों की भूमि पर कुछ स्थानीय लोगों ने पक्का भवन बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। वहीं, कई विद्यालयों की भूमि पर मटन, अंडा, सिगरेट सहित अन्य तरह की अवैध सामग्री का विक्रय करने कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है, जिसे हटाने के लिए प्रशासन के पास फिलहाल कोई बंदोबस्त नहीं है।