रीवा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का हृदय रोग विभाग मरीजों के लिए वरदान बनता जा रहा है। जिन जटिल उपचार व्यवस्थाओं के लिए मरीजों को बाहरी राज्यों के चक्कर काटने पड़ते थे वह मरीजों को अब आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। बीते एक सप्ताह में हृदय रोग विभाग में तीन मरीजों की आईवीयूएस मशीन की मदद से हृदय के मुख्य नस की जटिल एंजियोप्लास्टी की गई, जिससे मरीजों को राहत मिली है और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। हृदय रोग विभाग को यह बड़ी सफलता विभागाध्यक्ष डॉ.व्हीडी त्रिपाठी के नेतृत्व में मिली है। इस मशीन की उपलब्धता बीते दिनों ही उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला के प्रयासों से अस्पताल प्रबंधन को प्राप्त हुई थी, जिसकी कीमत एक करोड़ से अधिक है और वह प्रदेश के चुनिंदा संस्थानों में ही उपलब्ध है। विभागाध्यक्ष डॉ.व्हीडी त्रिपाठी द्वारा मरीजों को इस मशीन के न होने से हो रही परेशानियों की जानकारी को उप मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया था, जिसके बाद उन्होंने इस मशीन को अस्पताल प्रबंधन को उपलब्ध कराया और जिसका लाभ अब मरीजों को पूरी तरह से मिलने लगा है। मरीजों ने इस सफल ऑपरेशन के बाद विभागध्यक्ष डॉ.व्हीडी त्रिपाठी सहित अस्पताल प्रबंधन का आभार व्यक्त किया है।
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उपचार के आभाव में हो जाती है मौत
बताया गया कि हृदय की मुख्य नस (लेफ्ट मेन) हृदय को ब्लड सप्लाई करने वाली मुख्य नस होती है। जिसके बंद होने से मरीज की तुरंत मृत्यु हो जाती है। इसकी एंजियोप्लास्टी के लिए आईवीयूएस (अतिसूक्ष्म सोनोग्राफी) मशीन की अवश्यकता होती है और सुपर स्पेशलिटी में यह मशीन नहीं होने से मरीजों को बाहर भेजना पड़ता था, जिससे उन्हें आर्थिक भार भी पड़ता था।
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क्या है आईवीयूएस मशीन
आईवीयूएस (इंट्रवास्कुलर अल्ट्रासाउंड) मशीन है, जिसे अतिसूक्ष्म सोनोग्राफी मशीन भी कहते हैं, जिसे हृदय की नसो में डालकर बीमारी की गंभीरता का अध्ययन किया जाता है तथा इसके माध्यम से सटीक एंजियोप्लास्टी की जाती है। यह प्रदेश के कम स्वास्थ्य संस्थानों में ही उपलब्ध है, इसकी कीमत एक करोड़ से अधिक होती है।
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इनका रहा विशेष योगदान
इस जटिल एंजियोप्लास्टी को हृदय रोग विभाग के विभागध्यक्ष डॉ.व्हीडी त्रिपाठी द्वारा किया गया। ऑपरेशन के दौरान उनकी टीम में जयनारायण मिश्रा, सत्यम शर्मा, मनीष तिवारी, सुधांशु त्रिपाठी, सुमन शाह, ऋषभ पांडेय सहित अन्य शामिल रहे।
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आईवीयूएस मशीन से बीते सप्ताह हृदय के मुख्य नस की तीन जटिल एंजियोप्लास्टी की गई है। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। मशीन की उपलब्धता से मरीजों को बड़ी राहत मिली है।
डॉ.व्हीडी त्रिपाठी, विभागध्यक्ष हृदय रोग विभाग सुपर स्पेशलिटी रीवा।
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